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दादा जिला कोर्ट में चौकीदार, पिता न्यायाधीशों के ड्राइवर, बेटा बन गया जज

- मप्र हाईकोर्ट की सिविल जज भर्ती परीक्षा 2019 के परिणाम जारी- चेतन की दो पीढिय़ों ने की है कोर्ट में नौकरी- पिता का सपना पूरा करना था, चौथे प्रयास में हुआ सफल

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इंदौर

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Hussain Ali

Aug 22, 2019

दादा जिला कोर्ट में चौकीदार, पिता न्यायाधीशों के ड्राइवर, बेटा बन गया जज

दादा जिला कोर्ट में चौकीदार, पिता न्यायाधीशों के ड्राइवर, बेटा बन गया जज

इंदौर. मप्र हाईकोर्ट ( mp high court ) की सिविल जज ( civil judge ) भर्ती परीक्षा 2019 के परिणाम ( result ) बुधवार को जारी कर दिए गए। इसमें रीवा की जसविता शुक्ला ने टॉप किया है। दूसरी ओर इंदौर के चेतन बजाड़ ने भी इस परीक्षा में सफलता ( success ) हासिल की है। खास बात यह है कि चेतन की दो पीढिय़ों ने इंदौर जिला कोर्ट ( district court ) में चौकीदार और ड्राइवर की नौकरियां की है।

चेतन के भाई धर्मेंद्र ने बताया कि दादाजी हरिराम बजाड़ जिला कोर्ट से 17 साल पहले चौकीदार की नौकरी से रिटायर हुए। पिता गोवर्धन लाल बजाड़ जिला कोर्ट में विभिन्न न्यायाधीशों की गाडिय़ों के ड्राइवर हैं। चेतन ने इंदौर के वैष्णव लॉ कॉलेज से एलएलबी ( LLB ) की है और सिविल जज परीक्षा की तैयारी भी यहीं से की। चेतन दिन में 14-15 घंटे पढ़ाई करता था।

पिता का सपना पूरा करना था, चौथे प्रयास में हुआ सफल

पिता का सपना पूरा करने के लिए चेतन ने 2016 से ही सिविल जज परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी थी। चेतन ने चौथे प्रयास में यह परीक्षा पास की। 2018 की परीक्षा में भी वह साक्षात्कार राउंड तक पहुंच गए थे, लेकिन 15 नंबर कम होने से वे चूक गए। इस बार उन्होंने कड़ी मेहनत की और सफलता हासिल की। जबलपुर में 13 अगस्त को उनका साक्षात्कार लिया गया था, जिसमें उनके कानूनी ज्ञान के अलावा पारिवारिक पृष्ठभूमि के संबंध में भी सवाल किए गए थे। जब उनसे पूछा गया कि वह क्यों जज बनना चाहते हैं तो उन्होंने कहा था मेरे पिता पिछले 40 सालों से जिला कोर्ट में ड्राइवर की नौकरी कर रहे हैं और उनका सपना है कि उनका एक बेटा जज बने। बस उसी सपने को पूरा करने जज बनना चाहता हूं।

40 साल में चलाई 50 जजों की गाडिय़ां

चेतन को इस परीक्षा में 257. 5 अंक हासिल हुए हैं और वह प्रदेश की ओबीसी रैंक में 13वें स्थान पर आए हैं। पत्रिका से चर्चा में उन्होंने बताया 1978 में पिताजी की जिला कोर्ट में पीयून के रूप में नौकरी लगी थी। 40 साल की नौकरी में वे अब तक करीब 50 न्यायाधीश गणों की गाडिय़ां चला चुके हैं। चेतन के दो भाई भी जिला कोर्ट में वकील हैं। चेतन के पिता अगले साल 31 जुलाई को रिटायर होने वाले हैं और उससे पहले बेटे ने पिता को जज बनकर तोहफा दिया।