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अपनी ही तीन माह की बेटी को मारकर कचरे में फेंका, जिंदगी भर जेल में रहेंगे मां पिता

एक कान नहीं होने के कारण मार डाला, परिस्थितिजन्य साक्ष्य व वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर सुनाई सजा

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परिस्थितिजन्य साक्ष्य व वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर सुनाई सजा

इंदौर. मां पिता ने अपनी ही मासूम बच्ची को मारकर कचरे में फेंक दिया।बच्ची का एक कान नहीं होने के कारण उन्होंने मासूम को मार डाला। बच्ची की ऐसी हत्या करने वाले माता-पिता को अब जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्हें 1500-1500 रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया।

आरोपी पप्पू रावल व संगीता बाई रावल को विशेष न्यायालय ने ये सजा सुनाई है। इस प्रकरण में सभी स्वतंत्र साक्षी पक्षद्रोही हो गए थे, लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य व वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन ने मामले को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अविसारिका जैन ने की।

यह दर्दनाक घटना सात साल पुरानी है। 16 मार्च 2016 को प्रमिला ने पुलिस को सूचना दी कि नोबल पब्लिक स्कूल के पास कचरे के ढेर में एक बालिका गोदड़ी में लिपटी पड़ी है। पुलिस ने रिपोर्ट लिखकर जांच शुरू की। बालिका के शव का पोस्टमॉर्टम कराने पर मौत की वजह सिर में चोट आना बताया गया। साक्षीगण के बयानों में पाया कि पप्पू व संगीता ने उनकी तीन माह की बेटी के सिर पर लोहे की संडासी मारी। इससे उसकी मौत हो गई। संगीता ने उसे कचरे के ढेर में फेंक दिया।

पकड़े जाने पर आरोपी पप्पू ने मृतका की पहचान उसकी बेटी के रूप में की। मृतका की फीमर बोन और आरोपियों के ब्लड सैंपल की डीएनए जांच कराई गई। बच्ची का एक कान नहीं था, इससे नाराज होकर मां पिता ने उसकी हत्या कर दी थी।