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इंदौर आंखफोड़वा कांड : ओटी के तीन में से एक ग्लब में मिला संक्रमण, 37 अन्य सैंपल आए नेगेटिव

- दो जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, अब भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं- दवा सहित अन्य नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार

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इंदौर

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Hussain Ali

Aug 27, 2019

इंदौर आंखफोड़वा कांड : ओटी के तीन में से एक ग्लब में मिला संक्रमण, 37 अन्य सैंपल आए नेगेटिव

इंदौर आंखफोड़वा कांड : ओटी के तीन में से एक ग्लब में मिला संक्रमण, 37 अन्य सैंपल आए नेगेटिव

इंदौर. इंदौर नेत्र चिकित्सालय (आई हॉस्पिटल) में 15 मरीजों की आंख की रोशनी मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने भी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें ओटी से लिए गए 38 उपकरण व चिकित्सा सामग्री में से एक हाथ के एक ग्लब में संक्रमण होने की पुष्टि की गई है। जिस कंपनी के ग्लब्स हैं, उनका उपयोग कई शासकीय अस्पतालों में भी किया जा रहा है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के बाद भी अस्पताल और जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

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सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने बताया, 13 अगस्त को अस्पताल के ओटी से 38 सेंपल लेकर संक्रमण की जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज में भेजे गए थे। वहां से मिली रिपोर्ट में एक ग्लब में संक्रमण की पुष्टि हुई। ओटी से तीन सील बंद ग्लब्स के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। ये ग्लब्स पहले से स्ट्रेलाइज होते हैं। 6, 7 व 7.5 साइज के नमूने लिए गए थे। 7.5 साइज के ग्लब में संक्रमण पाया गया है। ग्लब्स मुंबई की न्यू लाइफ कंपनी के हैं। अधिकतर निजी व शासकीय अस्पतालों में इन्हीं ग्लब्स का उपयोग होता है। इस संबंध में स्वास्थ्य संचालनालय और कलेक्टर इंदौर को रिपोर्ट सौंप दी गई है।

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सात दिन बाद भेजे थे नमूने

इंदौर नेत्र चिकित्सालय में मोतियाबिंद के ऑपरेशन बिगडऩे के बाद स्वास्थ्य विभाग अफसरों को 8 अगस्त को हुए ऑपरेशनों की जानकारी 13 अगस्त को लगी। उसी दिन 38 सेंपल ले भी लिए, लेकिन इन्हें जांच के लिए 19 अगस्त को भेजा गया। ओटी का सेंपल नए सिरे से भेजने की बजाय अस्पताल प्रबंधन द्वारा लिए गए कल्चर को ही आधार मान लिया गया। ओटी का चोरी-छिपे फ्यूमीगेशन करने की भी संभावना जताई गई थी। इससे ओटी में इस्तेमाल होने वाले औजार और उपकरण से संक्रमण खत्म होने की आशंका है।

दवा सहित अन्य नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार

स्वास्थ्य विभाग के अलावा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी 23 औषधियों एवं चार मेडिकल डिवाइस (सीरिंज, निडिल) के नमूनों को जांच के लिए औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल, कोलकाता और गुवाहाटी भेजा है। इनमें संक्रमण की पुष्टि के लिए रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।

अब तक जांच में ये दोषी, फिर भी कार्रवाई नहीं

अस्पताल प्रबंधन : कमिश्रर आकाश त्रिपाठी द्वारा गठित जांच कमेटी ने अस्पताल प्रबंधन द्वारा ४ मरीजों को ६ अगस्त के ऑपरेशन के बाद संक्रमण की जानकारी के बावजूद १४ नए मरीजों का ऑपरेशन ८ अगस्त को करने का दोषी माना है। साथ ही लीज की शर्तों का उल्लंघन कर व्यावसायिक गतिविधियां चलाने के मामले में भी प्रबंधन पर आरोप सिद्ध हुए हैं। कलेक्टर लोकेश जाटव ने रिपोर्ट के बाद निष्कर्ष दिया है कि घटना में आपराधिक लापरवाही पाई गई है। अस्पताल पर प्रतिबंध लगाकर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। इस मामले में ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की लापरवाही नहीं पाई गई है, लेकिन प्रबंधन को सीधे दोषी माना गया है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी : जिला अंधत्व निवारण समिति के नोडल अधिकारी डॉ. टीएस होरा को 7 दिन बाद नमूनों को जांच के लिए भेजने, मामला दबाने में भूमिका निभाने और वर्ष 2011 में 18 लोगों की आंख जाने के बाद लगे प्रतिबंध को हटाने की अनुशंसा करने के मामले में दोषी माना गया था। उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है, कमेटी ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की अनुशंसा की है। धार सीएमएचओ डॉ. एसके सरल को भी घटना की सूचना मिलने के बाद कोई कदम नहीं उठाने का दोषी पाया गया। उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रदेश अंधत्व निवारण समिति के नोडल अधिकारी डॉ. हेमंत सिन्हा और इंदौर सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा को मामले की जानकारी होने के बावजूद वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना नहीं देने पर नोटिस जारी किया गया था।

न्यू लाइफ कंपनी : मुंबई की न्यू लाइफ कंपनी द्वारा सप्लाई किए गए ग्लब्स में संक्रमण मिलना गंभीर मामला है। ये ग्लब्स पहले से संक्रमण मुक्त करने का दावा किया जाता है। कंपनी द्वारा देशभर के अस्पतालों में ग्लब्स सप्लाई किए जाते हैं। शनिवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज ने रिपोर्ट दे दी थी, इसके बाद भी अब तक ग्लब्स की खेप की जांच या उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

- इस पूरे मामले में सरकार का रवैया स्पष्ट है। लापरवाही बरतने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। अस्पताल की लीज निरस्त कर भविष्य में जनता को बेहतर सेवा देने के लिए विकल्प तलाशा जाएगा। जल्द ही कमिश्रर और कलेक्टर से जांच रिपोर्ट पर चर्चा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।-तुलसीराम सिलावट, स्वास्थ्य मंत्री

- इस मामले में जांच रिपोर्ट मिल चुकी है, जिसे शासन को भेज दिया गया है। अस्पताल का बेहतर उपयोग हो सके ऐसे प्रयास कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा कर आगे निर्णय लेंगे।-आकाश त्रिपाठी, कमिश्रर

ग्लब्स में संक्रमण मिलने की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन को भेज दी है। ग्लब्स के तीन में से एक नमूने में संक्रमण मिला है। इस संबंध में कंपनी को नोटिस जारी किया जाएगा। प्रतिबंध को लेकर फैसला उच्च स्तर पर होगा।-डॉ. प्रवीण जडिय़ा, सीएमएचओ इंदौर