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टीएनसीपी की एनओसी पर ही आइडीए करेगा आवासीय प्लॉट पर बने कमर्शियल स्ट्रक्चर की कंपाउडिंग

- प्लॉट मालिक को वर्तमान गाइड लाइन से 4 प्रतिशत शमन शुल्क चुकाना होगा - यदि मास्टर प्लान के खाखे में फिट नहीं हुआ, तो मूल स्वरूप में ही होगा लीज नवीनीकरण - सैकड़ों संपत्ति मालिकों को होगा फायदा, आइडीए को मिलेगा राजस्व

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इंदौर

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jay dwivedi

Oct 23, 2019

टीएनसीपी की एनओसी पर ही आइडीए करेगा आवासीय प्लॉट पर बने कमर्शियल स्ट्रक्चर की कंपाउडिंग

टीएनसीपी की एनओसी पर ही आइडीए करेगा आवासीय प्लॉट पर बने कमर्शियल स्ट्रक्चर की कंपाउडिंग

इंदौर. योजनाकारों के सीमित विजन और तेजी से विकसित होते शहर में आइडीए की सैकड़ों प्रॉपर्टियों पर इन दिनों संकट के बादल छाए हैं। आइडीए ने इसे छांटने के लिए नियम बनाए लेकिन इसकी डोर टीएनसीपी के हाथों में दे दी। यदि विभाग अनुमति देगा तो ही योजना के मुख्य मार्ग की आवासीय प्रॉपर्टी का व्यावसायिक उपयोग के आधार पर लीज नवीनीकरण किया जा सकेगा। इसके लिए 4 प्रतिशत शमन शुल्क देना होगा तभी कपाउंडिग की जाएगी। यदि किन्हीं कारणों से प्लाट मालिक एनओसी लाने में विफल रहा तो उसकी लीज मुश्किल में आ जाएगी। उसे व्यावसायिक उपयोग बंद करके आवासीय ही करना होगा, अन्यथा लीज निरस्त कर दी जाएगी।

पांच साल से चल रही थी कवायद
दरअसल, आइडीए ने शहर को बढ़ाने के लिए शहरी सीमा क्षेत्र में कई योजनाएं विकसित की। इसमें कुछ आज शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों का हिस्सा बन गई। कुछ इसकी जद में आ रही हैं। एेसे में इन योजनाओं के मुख्य मार्गों पर विकसित किए गए आवासीय प्लाट का उपयोग व्यावसायिक तौर पर किया जा रहा है। एेसी स्थिति एक नहीं कई योजनाओं में हैं। कुछ में तो प्लॉटों की लीज अवधि भी समाप्त हो गई। बीते पांच साल से इस तरह की संपत्तियों को नियमित करने की कवायद चल रही हैं, लेकिन समस्या हल नहीं हो रही थी।

2018 में बनाया गया नियम
आइडीए ने 2018 में नए व्ययन नियम लागू किए, जिसमें इस तरह की संपत्तियों की लीज नवीनीकरण के लिए कंपाउडिंग के नियम बनाए गए। इसमें भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक साल से अफसर ही इसे समझने में लगे हैं। पूर्व में तो आइडीए की संपत्तियों में शमन शुल्क लेकर कंपाउडिंग का नियम नहीं था। अब जो नियम लाया गया है, उसमें आइडीए ने अपनी योजना की बागड़ोर नगर व ग्राम निवेश विभाग के हाथों में सौप दी है। टीएनसीपी जिस प्रॉपर्टी के लिए एनओसी देगा आइडीए उसे शुल्क लेकर व्यावसायिक कर देगा।

करना होगा मास्टर प्लान में संशोधन
जानकारों के अनुसार वर्तमान मास्टर प्लान विसंगतियों से भरा है। इसमें कई सड़कों के कमर्शियल होने को लेकर असमंजस की स्थिति हैं। एेसे में नए व्ययन नियमों का फायदा प्लॉट मालिकों को नहीं मिल सकेगा क्योंकि टीएनसीपी को इसके लिए मास्टर प्लान में संशोधन करना होगा। हालांकि यदि एेसा हो जाएगा तो आइडीए की सैकड़ों प्रॉपर्टियों की लीज का नवीनीकरण हो सकेगा और इन्हें विकसित किया जा सकता है। आइडीए को भी इसका फायदा होगा, शमन शुल्क के रूप में एक मुश्त राशि मिलेगी, सालाना लीज रेंट की राशि से मिल रहे राजस्व में भी इजाफा होगा।

अनुमति मिली तो इन मार्गों पर फायदा
- योजना-47 सपना संगीता रोड के मुख्य मार्ग के प्लाटों को फायदा होगा।
- एमआर-10 पर बायपास तक लागू स्कीम पर तय प्लाटों का उपयोग बदला जा सकेगा।
- योजना-54, 74, 140 सहित अनेक स्थानों पर यही स्थिति बनेगी।