
NSE में लिस्टेड होने वाला देश का पहला नगर निगम बना इंदौर, लेकिन मंत्री की गैरमौजूदगी बनी चर्चा का विषय
भोपाल/इंदौर। गुरुवार की सुबह मध्यप्रदेश के लिए काफी खास रही। मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में इंदौर नगर निगम द्वारा जारी किए गए बॉन्ड की लिस्टिंग हुई। इस दौरान प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ मौजूद रहीं। इस के साथ ही इंदौर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में बॉन्ड जारी करने वाला प्रदेश का पहला शहर बन गया है। इससे पहले नई दिल्ली और हैदराबाद बीएसई के जरिए अपने म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी कर चुके हैं। आपको बता दें कि नगर निगम द्वारा शहरी विकास में सहभागिता और आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों को 170 करोड़ रुपए के बॉन्ड जारी किए थे।
वहीं कार्यक्रम के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीआईआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में निवेश के लिए कई देशों के वाणिज्यिक दूतों व उद्योगपतियों से मुलाकात की। सीएम ने निवेशकों को 23-24 फरवरी 2019 को इंदौर में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आने का निमंत्रण देने का साथ ही आस्ट्रेलिया, कनाडा, इंडोनेशिया, जापान, सिंगापुर, कोरिया और रूस के वाणिज्यिक दूतों से चर्चा की।
केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बॉण्ड जारी करने वाला इंदौर देश का तीसरा और एनएसई में सूचीबद्ध होने वाला प्रदेश का पहला नगर निगम होगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा बॉण्ड के माध्यम से राशि इकट्ठा करने पर हर 100 करोड़ रुपए 13 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिससे निगम पर बॉण्ड का भार दो प्रतिशत और कम हो जाएगा। केंद्र सरकार बॉण्ड के माध्यम से देश के शहरी विकास में जनभागीदारी सुनिश्चित करना चाह रही है और इंदौर नगर निगम ने तुरंत केंद्र और राज्य सरकार के मनमाफिक काम कर एक बार फिर अपनी विशिष्ट कार्यशैली की छाप छोड़ी है। बॉण्ड जारी करने के लिए एसपीए कैपिटल को ट्रांजेक्शन एडवाइजर नियुक्त किया गया था।
बॉण्ड से प्राप्त राशि इस काम में होगी खर्च
इंदौर की पेयजल व्यवस्था पर 629.20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं सीवरेज सिस्टम डेवलपमेंट के लिए 268.06 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। पानी की निकासी व्यवस्था पर 10 करोड़ रुपए तो वहीं ग्रीन बेल्ट पर 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साथ ही शहरी ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट के लिए 40 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आपको बता दें कि बॉण्ड की अवधि 10 वर्ष होगी, जिस पर प्रति छमाही ब्याज दिया जाएगा। इसके अलावा निवेशक 7 वर्ष बाद बॉण्ड की प्रति वर्ष 25 प्रतिशत राशि मुक्त करा सकेंगे।
मंत्री की गैरमौजूदगी रही चर्चा का विषय
वहीं कार्यक्रम में विभाग के मंत्री की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही। कार्यक्रम में विभाग के प्रमुख सचिव, महापौर, निगम आयुक्त भी मौजूद थे। सोशल मीडिया पर जारी किए गए कई मैसेज में इसे सरकार के मंत्रियों से ज्यादा अफसरों का पावरफुल होना बताया गया। साथ ही यह मैसेज भी जारी किया गया कि यह तस्वीर मध्यप्रदेश के मंत्रियों की असली तस्वीर बता रही है। मैसेज में कहा जा रहा है कि "'इंदौर नगर निगम के बांड को सरकार ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर किया, औपचारिकता के लिए मुख्यमंत्री घंटा बजाने भी पहुंचे। अगर कोई नहीं था तो विभाग की मंत्री। सरकार इन मंत्रियों से ज्यादा अफसर पॉवरफुल है।"
Published on:
05 Jul 2018 02:30 pm
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