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इस अधिकारी की ‘जेल’ में सुरंग…

अब तक पहुंचे 126 फिर भी नहीं सुधर रहे, निगमायुक्त मनीष सिंह की जेल, काम में लापरवाही बरतने पर अफसर से लेकर कर्मचारियों तक को सजा बतौर भेजा जाता है

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indore nagar nigam commissoner

उत्तम राठौर.

इंदौर. देवगुराडिय़ा स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड इन दिनों निगमायुक्त मनीष सिंह की जेल के नाम से मशहूर हो रहा है। काम में लापरवाही बरतने वाले कई निगमकर्मियों को सस्पेंड करने के बाद सिंह ट्रेंचिंग ग्राउंड भेज चुके हैं। हालांकि कुछ निगमकर्मी इस सख्ती के बाद भी नहीं सुधर रहे। उन्होंने यहां से निकलने के लिए भी ‘सुरंग’ यानी रास्ते बना लिए है। वे यहां से फरार हो जाते हैं। कई ऐसे भी हैं, जो ‘जेल’ तक नहीं पहुंचते, यानी आते ही नहीं। लापरवाही करने पर अब तक 126 निगमकर्मियों को ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा जा चुका है। 95 अब भी यहीं हैं, बाकी बहाल हो गए हैं। जिन्हें ट्रेंचिंग ग्राउंड जाने की सजा मिली है, उनके आने-जाने का पूरा हिसाब भी रखा जा रहा है, ताकि वेतन के समय पैसा काटा जा सके।

...इसलिए बनाई जेल

निगम मुख्यालय और जोनल ऑफिसों पर काम में लापरवाही बरतने वाले निगमकर्मियों को बर्खास्त करने के साथ सस्पेंड भी किया जा रहा है। विभागीय जांच भी की जा रही है। इसके बाद भी ये सुधरने को तैयार नहीं हैं। जिन कर्मचारियों को सस्पेंड कर जोनल ऑफिस या मुख्यालय भेजा गया, वे फिर भी काम पर नहीं आते थे। इसकी जानकारी जब आयुक्त सिंह तक पहुंची, तो उन्होंने सस्पेंड निगमकर्मियों की ड्यूटी ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लगाना शुरू कर दी,

फिर चाहे वे अफसर हों या कर्मचारी, लगाए जाएंगे कैमरे

जिन कर्मचारियों को ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा गया, उनमें से कई नहीं जा रहे थे। इसकी जानकारी टं्रेचिंग ग्राउंड प्रभारी भरत सिंह चौहान ने आयुक्त सिंह तक पहुंचाई, तो उन्होंने निर्देश दिए कि निलंबन के बाद जिन निगमकर्मियों की ड्यूटी ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लगाई गई, उनकी रोज हाजिरी ली जाए और रिपोर्ट करें। इसके बाद से कर्मचारी ट्रेंचिंग ग्राउंड जा रहे हैं, लेकिन कई अब भी गायब रहते हैं। निगमकर्मियों के आने-जाने के दौरान हस्ताक्षर करने के लिए जहां रजिस्टर रखा गया है, वहां अब कैमरे लगाने की तैयारी है। इससे पता चल जाएगा कि कौन आ रहा है, कौन नहीं।

इनको भेजा जेल
कार्यपालन यंत्री, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (सीएसआई), सफाई दरोगा और सफाईकर्मी।

हस्ताक्षर करके हो जाते गायब
निगमकर्मियों को ट्रेंचिंग ग्राउंड पर दिनभर रहना है, लेकिन निगमकर्मी सुबह 7 बजे आते हैं और हस्ताक्षर करके सुबह 8.30 बजे रवाना हो जाते हैं। एकमात्र कार्यपालन यंत्री जीके कंठेल ऐसे हैं जो रोज सुबह से दोपहर तक रहते हैं। हालांकि वे भी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इस जेल से मुक्ति मिल जाए।

ये कभी आते, कभी नहीं
शिव घीसू, जयकिशन बालकृष्ण, विनोद रावेरकर, मुकेश पटेरिया, ललिता मनोज और संजय छोटेलाल।