
इंदौर की आवाज... हमारे लिए जरूरी है ऑक्सीजोन, इसे बचाएं
इंदौर. इंदौर और आसपास के इलाके को शब-ए-मालवा कहा जाता है। यहां रातें ठंडी रहती हैं। इसकी बड़ी वजह हरियाली और जलवायु है। हरियाली पर ध्यान नहीं दिया तो ये कहावत इतिहास हो जाएगी। इस दुर्दशा के लिए हम ही जिम्मेदार होंगे। इसके संरक्षण के लिए पत्रिका ने मालवा और कल्याण मिल सहित अन्य जमीनों की हरियाली बचाने के लिए अभियान चलाया है। इस पर शहर के प्रबुद्धजनों ने बेबाकी से कहा कि शहर को बचाना है तो मौजूदा ऑक्सीजोन के संरक्षण के साथ नए क्षेत्र भी तैयार करने होंगे।
पत्रिका सर्वे में सामने आई प्रमुख बातें
नगर निगम के एक्ट बदलाव होना चाहिए। गार्डन होने पर ही मकान बनाने की अनुमति दी जाए।
- अभिनव धनोतकर
काॅलोनियों, नई टाउनशिप व सड़क के दोनों किनारों पर प्लांट लगाने की आवश्यकता है, तभी हम भावी पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण दे सकते हैं।- सिद्धार्थ शर्मा
पौधरोपण ज्यादा से ज्यादा करना होगा। बार-बार सड़कें न खोदी जाएं।
- दीपक शर्मा
मिलों की जमीन और पोलोग्राउंड के मिलिट्री मैदान पर ऑक्सीजोन तैयार किए जाएं।- शिवाजी मोहिते
कपड़ा मिलों की जमीनों पर ऑक्सीजोन बनाने चाहिए, क्योंकि यह शहर के मध्य दूषित हो रहे पर्यावरण पर नियंत्रण रखते हैं।
- डॉ. पल्लवी आढाव
शहर में नीम पौधा का मास्टर प्लान बनाकर वार्ड स्तर पर लागू करें। यह सर्वश्रेष्ठ, सबसे सस्ता और चिरस्थायी हल होगा।- किशनलाल सोमानी
नए मास्टर प्लान में प्रावधान होना चाहिए कि नई काॅलोनी के नक्शे तभी पास हों, जब वहां ऑक्सीजोन बनाए जाएं।- जयकिशन बौरासी
हर घर में 5 पौधे होने चाहिए। स्कूल, कॉलेज, हाॅस्पिटल, कोर्ट और सड़कों पर दोनों तरफ और सरकारी खाली जमीन पर पौधे लगाए जाएं।
- दीपक शाह
हर कॉलोनी के बगीचे से अतिक्रमण हटाकर ऑक्सीजोन बनाना चाहिए। हर वार्ड में हरित क्षेत्र व शहर के मध्य क्षेत्र से वाहनों का आवागमन कम करना चाहिए।- संजीव बम
वार्ड और कॉलोनियों में पौधे लगाकर ऑक्सीजोन बनाएं। प्रत्येक राशन कार्ड धारक के लिए वर्ष में पांच पौधे लगाना अनिवार्य किया जाए। पेड़ों को कटने से बचाने वालों को सम्मानित करें।
- अरुण कुमार जैन
सरकारी जमीन से कब्जे हटाकर पौधे रोपें, ताकि वहां ऑक्सीजोन तैयार हो सके।- राकेश पोरवाल
कल्याण व मालवा मिल की 92 एकड़ जमीन के अलावा सिरपुर तालाब के किनारे भी पौधे रोपे जाएं।
- डॉ. रमेश मंगल
मिलों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाकर ग्रीन बेल्ट घोषित करें। बगीचों की जमीन पर धर्म स्थल या अन्य निर्माण पर रोक लगाई जाए। विद्यालयों व महाविद्यालय में पौधरोपण हो।- अरविंद पोरवाल
कपड़ा मिल की जमीनों को जंगल के रूप में विकसित किया जाए। पेड़ों की कटाई रोकने के साथ इंदौर में हरियाली महोत्सव मनाकर पौधे रोपे जाएं।
- धीरज केथूनिया
शहर के लगी पहाडि़यों को फॉरेस्ट जोन बनाएं। नई कॉलोनियों में 30 प्रतिशत एरिया ग्रीन बेल्ट के लिए छोड़ा जाए। मल्टी स्टोरी के चारों तरफ ग्रीन बेल्ट रहे। इसी शर्त पर नक्शा पास हो।- गोपालसिंह विश्वकर्मा
सभी कपड़ा मिलों के साथ हर बड़ी कॉलोनी के गार्डन को ऑक्सीजोन बनाना चाहिए।
- मुकेश राजावत
जिस कॉलोनी में बगीचा हो, वहीं घर बनाने की अनुमति मिले, ताकि लोगों में जागरुकता आए।- सविता अग्रवाल
शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में कम से कम 25 फीसदी जगह ऑक्सीजोन बनाना चाहिए।
- संदीप पंवार
सभी तालाब, पहाडि़यों और नदी- नालों के आसपास पौधरोपण कर ऑक्सीजोन बनाना चाहिए। - योगेश मेहता
सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर ग्रीन बेल्ट बनाया जाए। मकान के आगे एमओएस में पौधरोपण अनिवार्य हो। गाडि़यां खड़ी करने के लिए लोगों ने सड़कें छोटी कर दी हैं। वहां पौधे लगाए जाएं।
- राजेश बिजंवे
कॉलोनी की खुली जगहों पर आम, जामुन, इमली, पीपल जैसे पौधे लगाए जाएं।- पद्मा भोजे
प्रत्येक घर के सामने पौधे लगाने का अभियान कम से कम एक वर्ष तक चलाएं। इसमें पौधों की चिंता घरवाले करें।
- सुमित मिश्रा
महानगर बनते इंदौर में जगह-जगह ऑक्सीजोन की आवश्यकता है। खाली पड़ी सरकारी जमीनों को इसके लिए विकसित करें।- सतीश लालगे
यहां भी हों ऑक्सीजोन
राजबाड़ा, पलासिया, विजय नगर, कालानी नगर, एबी रोड, कलेक्टोरेट, सुदामा नगर, वीआइपी रोड, जू, मेघदूत उपवन, राजीव गांधी प्रतिमा, भंवरकुआं, एमवाय हाॅस्पिटल, बायपास, सुपर कॉरिडोर, बिलावली तालाब, कान्ह नदी के किनारे, पाटनीपुरा, रेसीडेंसी एरिया, एयरपोर्ट और लालबाग के पास, देवगुराडि़या, ट्रेंचिंग ग्राउंड, कृष्णपुरा छत्री, चिमनबाग मैदान, सीपी शेखर नगर, नंदानगर क्षेत्र, पिपल्याराव तालाब पालदा, राऊ और पोलो ग्राउंड क्षेत्र में भी ऑक्सीजोन तैयार करने की मांग शहरवासियों ने की है।
Published on:
06 Jul 2023 05:31 pm
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