मालूम हो, मुंबई से इवेंट के बहाने युवतियों को लाकर बंधक बनाकर देह व्यापार कराने तथा बलात्कार कर वीडियो बनाने की शिकायत पर पुलिस ने पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया था। बाद में पता चला कि गिरोह ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़ा है। गिरोह के तार मुंबई, सूरत के एजेंटों से जुड़े थे। हाल ही में सूरत के एजेंट अय्यूब को पुलिस पकडक़र भी लाई थी। पुलिस ने आरोपियों से जानकारी के आधार पर 11 बांग्लादेशी युवतियों को अलग-अलग जगह से आजाद कराया था।
टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक आजाद कराई गईं युवतियों से पता चला था कि बांग्लादेश में दो एजेंट सक्रिय हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की युवतियों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर वे अवैध रूप से सीमा पार कर भारत लाते हैं। जोशर सीमा से करीब 40 किमी पैदल चलाकर कुछ लोग इन युवतियों को सीमा पार कराते हैं और फिर मुर्शिदाबाद से ट्रेन से मुंबई लाया जाता है। कई प्रदेशों में बांग्लादेश की युवतियों को लाकर गलत काम कराया जा रहा है। सभी प्रदेशों को इसकी जानकारी भी दी थी।
एनआइए के अफसरों ने एसपी पूर्व आशुतोष बागरी, टीआइ तहजीब काजी आदि अधिकारियों से जानकारी ली है। अधिकारियों ने एनआइए को बताया कि युवतियों को किस तरह से देश में लाया जाता है। एनआइए (National Investigation Agency) अवैध रूप से सीमा पार करने वालों पर सख्ती के लिए योजना पर काम कर रही है।