
इमरान हाशमी
इंदौर. मेरे घर में मंदिर भी है और नमाज भी पढ़ी जाती है। मेरे पिता मुस्लिम थे और मां क्रिश्चियन। मेरी वाइफ हिंदू है, ना मेरे पिताजी ने मेरी मां को मजहब बदलने के लिए कहा, ना ही मैंने अपनी पत्नी से। हर धर्म का अपना महत्व है और मेरे घर में सब अपने-अपने मजहब को फॉलो करते हैं। ये बात एक्टर इमरान हाशमी ने शनिवार को होटल रेडिसन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। वे एक्ट्रेस ईशा गुप्ता के साथ अपनी फिल्म बादशाहो का प्रमोशन करने इंदौर आए थे।
सीरियल किसर की इमेज से कोई फर्क नहीं पड़ता
उन्होंने कहा कि मुझे इंडस्ट्री में सीरियस किसर के नाम से जाना जाता है, लेकिन मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं जब भी कोई फिल्म सिलेक्ट करता हूं तो मेरा ध्यान सिर्फ फिल्म की स्टोरी पर रहता है और पहले से अब मैंने कई अलग-अलग रोल प्ले किए हैं। मेरा मकसद खुद को एक अच्छे एक्टर के रूप में तैयार करना है। मेरा मानना है कि यंग एक्टर को ऑडियंस ज्यादा पसंद करती है लेकिन उम्र के साथ आपके अभिनय में गंभीरता आती है।
खुद को साबित करना जरूरी
उन्होंने कहा बॉलीवुड में नेपोटिज्म है। मैं इस बात से इनकार नहीं करता। स्टार किड्स के लिए राह आसान होती है। मुझे भी महेश भट्ट अंकल ने फिल्म फुटपाथ में कॉस्ट किया था लेकिन वो सिर्फ एक शुरुआत थी। उन्होंने मुझे कहा कि ये सिर्फ शुरुआत है अगर एक अच्छा एक्टर बनना है तो खुद को साबित करना बहुत जरूरी होता है। ऑडियंस कभी भी ये सोच के टिकट नहीं खरीदती कि आप स्टार किड हैं। फर्क सिर्फ इस बात से पड़ता है कि आप कितने अच्छे कलाकार हैं।
इंडिया को प्रोगेसिव होने की जरूरत
एक सवाल का जवाब देते हुए ईशा गुप्ता ने कहा कि इंडिया को प्रोगेसिव थिंकिंग की जरूरत है। यहां एक एक्ट्रेस हो या आम लडक़ी। अपनी ड्रेस को लेकर कमेंट झेलने पड़ते हैं। एजुकेशन के साथ-साथ संस्कार देने की भी जरूरत है कि एक लडक़ी के साथ किस तरह से पेश आना है। किसी की ड्रेस और लिविंग स्टाइल उसकी च्वॉइस है लेकिन उसके लिए कमेंट क रना या ट्रॉल करना सही नहीं है।
Published on:
20 Aug 2017 12:30 pm
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