
interview of rohit bakshi
इंदौर. किसी भी एक्टर को पहचान उसका रोल दिलाता है। इसलिए कोई भी रोल सलेक्ट करते समय ध्यान रखना चाहिए कि आपका किरदार ऑडियंस के दिलों में जगह बना सके। किरदार ऐसा हो जो रातों में भी आपको सोने न दे। आप उस किरदार से हर दिन कुछ नया सीख सकें। ये बात टीवी एक्टर रोहित बक्षी ने होटल रेडिसन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। वे शुक्रवार को बिग मैजिक पर आने वाले अपने अपकमिंग शो ‘शक्तिपीठ के भैरव’ के प्रमोशन के लिए शो की लीड एक्ट्रेस उल्का शुक्ला के साथ शहरे में थे।
रोल को लेकर रहता हूं अलर्ट
रोहित बताते हैं कि मैं अपने रोल को लेकर अलर्ट रहता हूं, चाहे बात फिल्म की हो या टीवी। अगर कैमियो भी कर रहा हूं तो ध्यान रखूंगा कि मेरा रोल कितना इफे क्टिव है। पहले ट्रेंड आया था फैमिली ड्रामा का, अब माइथोलॉजिकल और हिस्टोरिकल को पसंद किया जा रहा है। ट्रेंड बदलते रहते हैं, लेकिन सबसे जरूरी है कि आप टाइम के साथ खुद को अपडेट रखें।
नेगेटिल रोल में एक्सप्रेशन ज्यादा जरूरी
मेरा मानना है कि नेगेटिव रोल में आप खुद को ज्यादा अच्छे से एक्सप्रेस कर पाते हैं। आप पॉजिटिव रोल में बंधे हुए होते हैं लेकिन नेगेटिव आपको आंखों के हाव-भाव और फेसियल एक्सप्रेशन पर अच्छे से काम करने का मौका देता है। दमदार नेगेटिव रोल दर्शकों के दिलों में लंबे समय तक जगह बनाए रखता है। अपना बेस्ट रोल सीरियल ‘कहीं तो होगा’ और ‘चित्तौड़ की रानी पद्मावती’ में मानता हूं।
डार्क कॉम्प्लेक्शन पर मिली उबटन की सलाह
सीरियल में लीड रोल में नजर आने वाली उल्का बताती हैं कि मैंन बचपन से इसी फील्ड में काम करने का सपना देखा था, लेकिन अक्सर मुझे सलाह दी जाती थी कि तुम्हारा रंग सांवला है तो इंडस्ट्री में सक्सेस कैसे मिलेगी। कुछ लोगों ने तो रूप निखारने के लिए उबटन लगाने तक की सलाह दी, लेकिन मैंने माना कि एक्टिंग ही हर मुकाम दिला सकती है, रंग रूप कोई मायने नही रखता।
खुद करती थी स्टंट
उल्का बताती है कि मैंने सीरियल झांसी की रानी में 80 परसेंट स्टंट खुद ही किए थे। मैंने इसमें हॉर्स राइडिंग भी की है और मुझे कभी डर नहीं लगा। मैं खुद को प्रूव करने के लिए हर रिस्क उठाने को तैयार हूं।
Published on:
11 Nov 2017 12:45 pm
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