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न्याय नगर सहित 10 संस्थाओं में अनुबंध पर दीपक मद्दा ने की गड़बड़ी

ईडी की पूछताछ में जमीनों की गड़बड़ी करने वाले सहयोगियों के नाम बताए  

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न्याय नगर सहित 10 संस्थाओं में अनुबंध पर दीपक मद्दा ने की गड़बड़ी

न्याय नगर सहित 10 संस्थाओं में अनुबंध पर दीपक मद्दा ने की गड़बड़ी

इंदौर. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ में दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया से कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। दीपक ने कई जमीनों में गडबड़ी की, लेकिन अभी न्याय नगर संस्था के साथ 10 अन्य सहकारी संस्थाओं की जमीनोंं से जुड़ी जानकारी सामने आई है। सभी संस्थाओं की जमीनों में अनुबंध के आधार पर कुछ राशि देने के बाद शेष डकारते हुए बिक्री कर दी गई।

ईडी अफसरों ने मजदूर पंचायत, कल्पतरू, त्रिसाला संस्था को लेकर जांच की थी। अब न्याय नगर संस्था, देवी अहिल्या, श्रीराम नगर संस्था सहित 10 संस्था को शामिल कर लिया है। सभी संस्थाओं की जमीनोंं की गड़बड़ी के पीछे दीपक मद्दा है। न्याय नगर संस्था की जमीन को लेकर इस्लाम पटेल व अन्य के साथ ऐसा हो चुका है। दीपक ने बताया कि वह रिश्तेदारों और दोस्तों को आगे कर देता था। जमीन का खेल करने में कई बड़े कारोबारी साथ थे।

------------अनुबंध से ऐसे हथियाई जमीनें

ईडी की जांच में साफ हुआ है कि दीपक मद्दा व साथियों ने जमीनों को हथियाने के लिए अनुबंध का खेल किया है। अफसरों को दीपक ने बताया कि संस्थाओं में अपने लोगों को पदाधिकारी बनाने के बाद गड़बड़ी की जाती है। सहकारिता विभाग के अफसर भी इसमें शामिल होते हैं। सदस्यों को प्लॉट आवंटन में परेशानी बताकर जमीन को बेचने की अनुमति लेने के बाद दीपक अपनी दूसरी संस्था के माध्यम से पहली संस्था की जमीन खरीदी का अनुबंध करता है। उदाहरण के तौर पर अगर जमीन का सौदा 5 करोड़ में हुआ तो अनुबंध कर 80 लाख संस्था को अदा कर दिए जातेे हैं। अनुबंध में शर्त होती है कि पूरा विकास होने के बाद शेष भुगतान होगा। विकास होता नहीं है और राशि अदा नहीं की जाती और इधर जमीन दूसरों को करोड़ोंं में बेच दी जाती। कल्पतरू संस्था की जमीन 5 करोड़ में खरीदने का सौदा कर एक करोड़ 20 लाख अदा करने के बाद शेष राशि हड़पने का खेल भी इसमें शामिल है।