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महिला प्रत्याशी ने पर्चा लिया वापस, बोली- सत्ता से नहीं लड़ सकती

locationगोरखपुरPublished: Jan 05, 2016 08:48:00 am

Submitted by:

Sujeet Verma

नीना ने कहा कि मैं बाल-बच्चे वाली हूं। शासन-सत्ता से लड़ने की क्षमता मेरी नहीं है। इसलिए पर्चा वापस ले रही हूं।

गोरखपुर. आखिरकार सत्ता का प्रभाव काम आया और संतकबीनगर में भी सपा प्रत्याशी के खिलाफ ताल ठोक रहीं महिला प्रत्याशी नीना देवी को मैदान छोड़ना पड़ा। एक दिन पूर्व ही देवरिया में उनकी एजेंसी सील किए जाने से दबाव में आई नैना ने पीछे हटना ही मुनासिब समझा और पर्चा वापस ले लिया। नीना ने कहा कि मैं बाल-बच्चे वाली हूं। शासन-सत्ता से लड़ने की क्षमता मेरी नहीं है। इसलिए पर्चा वापस ले रही हूं।

सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की पर्चा वापसी थी। गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जनपदों में पहले ही तीन जिलों बस्ती, सिद्धार्थनगर और देवरिया में निर्विरोध अध्यक्ष बनवा चुकी सपा ने सोमवार को भी साम-दाम-दंड-भेद की रणनीति अख्तियार कर चार अन्य जनपदों में पर्चा वापसी का दबाव बनाया।

हालांकि, तीन जनपदों में सपा की रणनीति काम नहीं आई लेकिन संतकबीरनगर में उसे सफलता मिल ही गई। यहां सपा प्रत्याशी संतोष यादव के खिलाफ पर्चा भरने वाली नीना देवी को शासन-सत्ता के दबाव के आगे झुकना पड़ा।

सपा प्रत्याशी संतोष यादव के खिलाफ पर्चा भरने वाली नीना के पति अरुण कुमार पप्पू की देवरिया में पुरवा चौराहा पर आशा गैस एजेंसी नाम से रसोई गैस एजेंसी है। नीना पर पर्चा वापसी कराने का हर दांव फेल हो जाने के बाद रविवार की शाम सात बजे बंद होने के बाद हुई कार्रवाई का असर सोमवार को दिखा भी। एजेंसी संचालक की पत्नी नीना ने संतकबीरनगर डीएम सरोज कुमार से मिलकर पर्चा वापसी के लिए आवेदन किया और अपना पर्चा वापस भी ले लिया।

गोरखपुर, कुशीनगर और महराजगंज में नहीं काम आया सत्ता का दबाव
हालांकि, सत्ता का यह खेल गोरखपुर मंडल के तीन जनपदों गोरखपुर, कुशीनगर और महराजगंज में नहीं चल सका है। गोरखपुर में भाजपा विधायक विजय बहादुर यादव के भाई अजय बहादुर सपा प्रत्याशी गीतांजलि यादव के विरोध में हैं। सपा प्रत्याशी को जिताने के लिए काबीना मंत्री राजकिशोर सिंह को कमान सौंपा गया था, लेकिन उनकी हर कोशिश नाकाम साबित हुई। हर अस्त्र अपना चुके मंत्रीजी अब एक-एक सदस्य से संपर्क साधने से भी परहेज नहीं कर रहे।

महराजगंज में तो सपा की हालत सबसे पतली है। यहां भी सपा ने अपने प्रभावशाली राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह को कमान दे रखी थी, लेकिन हालत यह कि यहां सपा प्रत्याशी को प्रस्ताव व समर्थक तक के लिए परेशान होना पड़ा। भाजपा सांसद पंकज चैधरी इस बार भी सत्ताधारी सपा पर भारी पड़ते दिख रहे। भाजपा से समर्थित चार प्रत्याशियों प्रभुदयाल, रंजू, लक्ष्मी और सोनी ने पर्चा भरा था। सोमवार को रंजू, सोनी और लक्ष्मी ने पर्चा वापस कर लिया। अब भाजपा के समर्थित प्रभुदयाल मैदान में बचे हैं। जबकि सपा के जितेंद्र यादव हैं।

कुशीनगर में भी सपा को मजबूत विपक्ष उनकी ही पार्टी के बगावती नेताओं से मिल रही है। यहां सपा प्रत्याशी हरीश राणा के खिलाफ विनय प्रकाश लड़ रहे हैं। विनय की कमान सपा के निष्कासित पूर्व प्रमुख शिवनाथ यादव के हाथों में है। एक सपा के मंत्री का भी बागियों को समर्थन है। जबकि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल भी विनय के लिए एक-एक वोट का इंतजाम कर रहे हैं। हालांकि, सत्ता पक्ष से काबीना मंत्री ब्रह्मशंकर त्रिपाठी व पूर्व सांसद बालेश्वर यादव अपनी सारी ताकत झोंक दिए है।
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