script‘उन्होंने घर तक गिरवी रख दिया, फिर भी सूदखोर करते थे टॉर्चर, अब इकलौते बेटे की जान को खतरा’ | KarjKaMarj:businessman wrote a suicide note of 13 pages before suicide | Patrika News

‘उन्होंने घर तक गिरवी रख दिया, फिर भी सूदखोर करते थे टॉर्चर, अब इकलौते बेटे की जान को खतरा’

locationइंदौरPublished: Sep 14, 2019 03:46:51 pm

Submitted by:

Muneshwar Kumar

लोगों की गाढ़ी कमाई चूस रहे हैं सूदखोर, ब्याज चुकाने में तबाह हो रहे हैं परिवार

04_1.png
इंदौर/ मध्यप्रदेश में साहूकारों ने कई घर उजाड़ दिए हैं। अभी हजारों घर पूरे प्रदेश में साहूकारों के चंगुल में फंस बर्बाद हो रहे हैं। जालिम सूदखोरों का टेरर ऐसा है कि उनके आगे इंसान टूट जा रहा है और रास्ता सिर्फ बचता है खुद को खत्म कर लेना। मध्यप्रदेश में कई लोगों ने साहूकारों के मकड़जाल में फंस अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। आज हम आपको आपको #KarjKaMarj सीरीज में इंदौर के बिजनेसमैन की कहानी बताएंगे। जिन्होंने 13 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था।
इंदौर शहर में मोटे ब्याज पर लोगों को रुपए देकर आए दिन परेशान और प्रताड़ित करने के मामले सामने आते हैं। कई मामलों में तो लोग सूदखोर की धमकी से परेशान होकर अपनी जान तक दे चुके हैं। जुलाई 2018 में नंदा नगर में रहने वाले व्यापारी प्रकाश जैन 52 ने सूदखोरों से परेशान होकर जहर खा लिया था। हॉस्पिटल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो जाने के बाद से ही परिवार में दुखों का पहाड़ टूट गया।
05.png
पत्नी हंसा और बेटा गौरव और उनकी बहन, परिवार के मुखिया के इस तरह दुनिया छोड़ कर चले जाने के बाद से खामोश हैं। घटना के पूरे एक वर्ष होने को हैं। पत्रिका ने जब इस पूरे मामले की तहकीकात की तो कई चौंकाने वाली बात सामने आई। पीडि़ता मां-बेटे ने पुलिस की कारगुजारियों का परत दर-परत खुलासा किया। बेटे गौरव ने बताया कि आत्महत्या के कुछ माह पूर्व से उनके पिता को सूदखोर रुपयों के लिए परेशान करने लगे। इसके बाद उन्होंने खुदकुशी कर ली।
in.jpg
आरोपियों पर नहीं कर रही कार्रवाई
बेटे गौरव का आरोप है कि जिन लोगों का नाम उनके पिता ने सुसाइड नोट में लिखा है। उन सभी से पुलिस प्रभावित है। जुलाई 2018 माह में उनके पिता की मृत्यु हो जाने के बाद से वे थाना पुलिस, कई अधिकारियों के चक्कर काटते रहे। जब पुलिस ने सुसाइड नोट को उनके पिता द्वारा लिखने की बात मानी तब कहीं जाकर नवंबर 2018 में 20 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में केस दर्ज हुआ। हालात एेसे हो गए है कि न तो मामले में पुलिस नामजद आरोपियों को पकड़ सकी और न प्रकरण में चालान पेश कर पाई।
indore.jpg
बेटे की जान का खतरा
वहीं, उनकी पत्नी हंसा जैन का कहना है जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुए उनसे पति हार चुके थे। तभी उन्होंने यह कदम उठया है। लेकिन उनके जाने के बाद भी अब उन्हें इकलौते बेटे की जान का खतरा सता रहा है। उन्होंने आर्थिक परिस्थिति खराब होने की बात कही। हालात यह हो चुके है ग्रेजुएट बेटा मजबूरन पान की दुकान चला रहा है। पति ने ब्याज का ब्याज चुकाने के लिए घर तक बैंक में गिरवी रख दिया। लेकिन इसके बाद भी उन्हें कई तरह से प्रताड़ना मिली।
indore1.jpg
बैंक ने भी दिया है अल्टीमेटम
हंसा ने कहा कि अब तो बैंक वालों ने भी अल्टीमेटम दे दिया है। यहीं नहीं पिता के इस तरह चले जाने के बाद से ही बेटा केस से संबंधित कागज लिए घुम रहा है। उनका कहना है कि पुलिस के बड़े अधिकारियों ने उनकी हरसंभव मदद की। लेकिन थाने स्तर पर प्रकरण में हुई कार्रवाई से वे अब भी असंतुष्ट है। उनका आरोप है जब पिता ने ब्याज वसूलने वालों की प्रताडऩा से परेशान होने वालों का नाम सुसाइड नोट में अंकित किया, तो फिर क्यों नहीं अब तक पुलिस आरोपियों के खिलाफ सदूखोरी के मामले में केस दर्ज कर रही।
सूदखोरों पर एक्शन क्यों नहीं
#KarjKaMarj सीरीज में पत्रिका जितने भी मामले उजागर किए। सभी का एक ही दर्द था कि पुलिस सूदखोरों पर कार्रवाई नहीं करती। कई मामले तो ऐसे थे कि उनके विरुद्ध सूदखोरी की धाराएं भी नहीं लगाई गईं। ऐसे में सवाल है कि सरकार मिलावटखोरों की तरह क्या सूदखोरों के खिलाफ भी कोई अभियान छेड़़ेगी। जो प्रदेश में मजबूर लोगों के लिए टेरर से कम नहीं हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो