विश्व के सृजन से कल्याण तक मातृशक्ति की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। नवरात्रि मातृशक्ति के पूजन, सम्मान, वंदन व नमन का पर्व है। भारतीय संस्कृति में वर्णित माता के नौ स्वरूप में प्रत्येक की विशिष्ट भूमिका है। नारी वासना का खिलौना नहीं, उपासना का राजमार्ग है। जिस घर में नारी का सम्मान नहीं होता वह नर्क से बदतर है। आयोजन में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। वृंदावन के आचार्य मनीषी कौशिक महाराज ने मां कनकेश्वरीधाम परदेशीपुरा चौराहा पर 108 कुंडीय हवनात्मक चंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा अनुष्ठान में मंगलवार को उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, ब्रह्मचारिणी स्वरूप में नारी पति को परमेश्वर की तरह मानकर पूरा जीवन निकाल देती है। जिन महिलाओं के पति नहीं होते, वे परमेश्वर को पति मानती हैं। ये विचार वृंदावन के आचार्य मनीषी कौशिक महाराज ने परदेशीपुरा चौराहा स्थित मां कनकेश्वरीधाम पर चल रहे 11 दिवसीय 108 कुंडीय हवनात्मक चंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा में व्यक्त किए। उन्होंने यह भी बताया कि नवरात्र में दिन और रात सिद्ध होते हैं इस समय यदि कोई अपनी कोई मनोकामना पूरा करना चाहते हैं या अपनी परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो कुछ उपाय करने से मां प्रसन्न होकर हर इच्छा पूरी कर देती हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे उपाय।
यहां पर ऐसे ही नवरात्रि के अचूक उपाय दिए जा रहे है जिन्हें पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास से करने से जीवन में सुखो का वास रहेगा।
– अष्टमी के दिन घर के पूजा गृह मैं उत्तर दिशा में मुख करके बैंठे। अपने सामने चावल लाल कंकु में मिलाकर उनकी। ढेरी बना ले और उस ढेरी बना लें और उस ढेरी पर श्रीयंत्र रखें। श्रीयंत्र के सामने तेल के 9 दीपक जलाकर पूजा करें। पूजा समाप्ति के बाद चावल नदी में बहा दे और श्रीयंत्र तिजोरी में रख लें, बहुत धन लाभ होगा।
– नवरात्रि में पूजा के समय प्रतिदिन माता को शहद एवं इत्र चड़ाना कतई भी न भूले । नौ दिन के बाद जो भी शहद और इत्र बच जाएं उसे प्रतिदिन माता का स्मरण करते हुए खुद इस्तेमाल करें मां की आप पर सदैव कृपा द्रष्टि बनी रहेगी।
– नवरात्र में माता दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्तो को सुंदर रूप प्राप्त होता है व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।
– नवरात्री में मां दुर्गा की आराधना “लाल रंग के कम्बल” के आसन पर बैठकर करना अति उत्तम माना गया है। इससे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
– नवरात्र में स्थाई लक्ष्मी प्राप्ति के लिए नित्य पान में गुलाब की 7 पंखुरियां रखकर तथा मां दुर्गा को अर्पित करें ।
– नवरात्र के शनिवार को सूर्योदय के पहले पीपल के ग्यारह पत्तें लेकर उन पर राम नाम लिख कर इन पत्तों की माला बनाकर इसे हनुमानजी को पहना दें। इससे कारोबार की सभी परेशानिया दूर होती है ,यह प्रयोग बिलकुल चुपचाप करें।
– यदि किसी जातक का लाख प्रयासों के बावजूद भी कर्जे से पीछा नहीं छुट रहा है तो वह नवरात्री में मां के श्री चरणों में 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। प्रात: माता की पूजा के समय सवा किलो साबुत लाल मसूर लाल कपड़ें में बांधकर अपने सामने रख दें। घी का दीपक जलाकर माता के किसी भी सिद्ध मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजा समाप्त होने के पश्चात मसूर को अपने ऊपर से 7 बार उसार कर किसी भी सफाई कर्मचारी को दान में दे दें। इससे माता की कृपा से कर्जें से छुटकारा मिलने का रास्ता बनने लगेगा।
– नवरात्र में आप अनावश्यक व्यय से बचें लेकिन यदि संभव हो तो इन दिनों सोने चांदी के गहने, कपड़े, बर्तन आदि कुछ न कुछ नया सामान अपनी सामथ्र्य के अनुसार अवश्य ही खरीदें तथा इसे उपयोग में लाने से पहले माता के चरणों में लगायें। इससे घर में सुख सौभाग्य आता है स्थाई संपत्ति का वास होता है।
– घर के छोटे बच्चो विधार्थियों से माता दुर्गा को केले का भोग लगवाएं फिर उनमे से कुछ केले दान में दे दें एवं बाकी केलो को प्रसाद के रूप में घर के लोग ग्रहण करें इससे बच्चों की बुद्धि का विकास होता है।
– नवरात्र में दो जमुनिया रत्न लेकर उसे गंगा जल में डुबोकर घर के मंदिर में रखे फिर हर शनिवार को माता दुर्गा का स्मरण करते हुए उस जल को पूरे घर में छिडक़ दें, घर के सदस्यों के बीच में प्रेम बडऩे लगेगा । इसके बाद पुन: इन रत्नों को गंगा जल में डुबोकर मंदिर में रख दें । इस प्रयोग को नवरात्र से ही शुरू करें तो अति उत्तम है।
1 . “सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते “।।
2 . “ऊं जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते” ।।