सिंहस्थ में शामिल होने के लिए इंदौर एयरपोर्ट से सीधे मल्हारगंज स्थित एक रेस्टोरेंट में मीडिया से मुखातिब हुई जानी मानी किन्नर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने विस्तृत चर्चा की। किन्नर लक्ष्मी ने बताया, की उन्हें किन्नर अखाड़े की किसी से भी मान्यता की जरूरत नहीं हैं। लक्ष्मी ने शास्त्रों के हवाले से बताया, की गंधर्व, किन्नर, साधु, संत व महात्मा इस क्रम में आते है। ऐसे में किन्नर का स्थान सर्वोपरी है। इसलिए किन्नर समाज को अखाड़े के लिए किसी से भी मान्यता लेने की जरूरत नहीं है। चारों वेद में किन्नर का जिक्र है। किन्नर समाज को कानूनी हक मिल चुका है, इसलिए धर्म में भी किन्नर समाज का हक स्थापित करने की लड़ाई जारी रहेगी।