scriptअब ईडी खुलवाएगी जमीन के जालसाज दीपक मद्दा का मुंह | Land swindler Deepak Madda on ED's remand | Patrika News

अब ईडी खुलवाएगी जमीन के जालसाज दीपक मद्दा का मुंह

locationइंदौरPublished: Jun 04, 2023 11:27:26 am

Submitted by:

Mohit Panchal

सात दिन की रिमांड पर जमीन का जालसाज, शहर के नामचीनों की खुल सकती है कलई

अब ईडी खुलवाएगी जमीन के जालसाज दीपक मद्दा का मुंह

अब ईडी खुलवाएगी जमीन के जालसाज दीपक मद्दा का मुंह

इंदौर। आर्थिक अनियमितताओं के मामले में नकेल कसने वाली संस्था प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) की गिरफ्त में जमीन का जालसाज दिलीप सिसोदिया उर्फ दीपक जैन उर्फ मद्दा आ गया। गोपनीय तौर पर मद्दा को कल कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उसे पहले पांच घंटे और बाद में सात दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया गया। पूछताछ में शहर के कई नामचीनों की पोल पट्टी खुल सकती है जो जमीन के कारोबार से जुड़े हुए हैं।
गृह निर्माण संस्था की जमीनों की खरीद-फरोख्त में बड़े पैमाने पर हुई आर्थिक अनियमितताओं की जांच प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) कर रहा है। घोटाले की जांच का केंद्र बिंदु दिलीप सिसोदिया उर्फ दीपक जैन उर्फ मद्दा है जिससे पूछताछ करने के लिए ईडी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जयश्री आर्यमान की अदालत में आवेदन पेश किया था। उसमें ईडी ने प्रशासन व पीडि़तों के दर्ज कराए गए मुकदमों का हवाला दिया गया था।
कहना था कि मद्दा ने अपने साथियों के साथ मिलकर विभिन्न संस्थाओं की जमीनें अवैधानिक रूप से विक्रय कर आर्थिक लाभ प्राप्त किया है। उस लेन-देन को लेकर मद्दा से पूछताछ की जाना आवश्यक है। पूछताछ के आधार पर कई महत्वपूर्ण तथ्यों के मिलने की संभावनाएं हैं। आवेदन स्वीकार कर कोर्ट ने मद्दा का प्रोटक्शन वारंट जारी किया जिस पर कल केंद्रीय जेल से उसे गोपनीय तौर पर कोर्ट लाकर पेश किया गया। ईडी की अपील पर अदालत ने शाम पांच बजे तक उसे पूछताछ के लिए सुपुर्द कर दिया।
शाम को जब फिर से उसे पेश किया गया तो ईडी ने एक ओर आवेदन लगाया। कहना था कि पूछताछ में मद्दा ने कोई सहयोग नहीं किया। आरोपी से विभिन्न दस्तावेजों के संबंध में पूछताछ की जाना आवश्यक है। जानकारी के आधार पर प्रकरण में तथ्य इक_ा होने की संभावना है। १४ दिन की रिमांड दी जाए। इस पर कोर्ट ने मद्दा को सात दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया। ईडी के पास ९ जून तक का समय है जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश करना होगा। रिमांड मिलने ईडी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
कई हो सकते हैं बेनकाब
गौरतलब है कि ईडी ने पिछले दिनों छापामार कार्रवाई करके सुरेंद्र संघवी और मद्दा के यहां से कई संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए थे। तब से ईडी के अफसरों उनका अध्य्यन कर रहे थे और तार मिलाने का प्रयास कर रहे थे। शहर के कई नामचीन लोगों से मद्दा के जमीन कारोबार को लेकर लेन-देन मिला। कई बिंदुओं की जानकारी मद्दा की पत्नी समता और उसके भाई दीपेश वोहरा से पूछताछ के दौरान ले ली थी।
अब मद्दा से पूछताछ में उनकी पुष्टि भी कर ली जाएगी। ईडी की पूछताछ में मद्दा कुछ भी छिपा नहीं पाएगा, क्योंकि तथ्यों के आधार पर बात होगी। ऐसे में कई बड़े-बड़े कलाकारों के नाम उजागर हो सकते हैं जिनका मद्दा से लेना-देना है। वैसे भी अधिकृत तौर पर कई लोगों से लेन-देन की जानकारी बैंक खातों से ईडी को मिल चुकी है। तो कुछ के नाम दस्तावेजों में सामने आ गए हैं।
वकील ने मांगी जमानत
ईडी के अफसर एक तरफ मद्दा की रिमांड मांग रहे थे तो दूसरी तरफ उसके वकील ने मेमो पेश किया। कहना था कि मद्दा को व्यक्गित बांड व जमानत पर उसे रिहा किया जाए। इस पर ईडी ने कटाक्ष करते हुए बताया कि मद्दा क्राइम ब्रांच के मुकदमे में 7 अप्रैल से जेल में बंद है। इसके लिए मद्दा के वकील जिस नियम के तहत सूचना पत्र देने की बात कर रहे हैं उसकी आवश्यकता नहीं है। इसे न्यायालय ने भी स्वीकार किया है।
ये है कार्रवाई की कहानी
गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों की खरीद-फरोख्त के मामले में जिला प्रशासन ने २०२१ में दिलीप सिसोदिया उर्फ दीपक जैन उर्फ मद्दा के खिलाफ ६ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनके आधार पर जिला प्रशासन व पुलिस ने तीन हजार करोड़ की आर्थिक अनियमितता का अंदेशा लगाकर ईडी को जांच सौंपी थी। सालभर पहले सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी, दीपक मद्दा, मुकेश खत्री सहित एक दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस दिया गया था, लेकिन सभी ने विभाग व नोटिस को हलके में ले लिया।
नोटिस के जवाब से असंतुष्ट विभाग ने छापामार कार्रवाई कर संघवी व मद्दे के यहां से ९१ लाख नकद के साथ २५० करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज भी जब्त किए। ३२ जमीन कारोबारियों को नोटिस दिए हैं, लेकिन सारे तार मद्दा पर जाकर जुड़ रहे थे जिसके चलते उससे ईडी को पूछताछ करना आवश्यक था।
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