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रामकली, मीरा व दामिका का लैपटॉप बैंक बुजुर्गों-महिलाओं का बना मददगार

- तकनीक से आत्मनिर्भरता: ग्रामीण महिलाएं बैंक-सखी बन बैंकिंग में कर रहीं सहयोग

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इंदौर

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Sandeep Pare

Mar 17, 2023

रामकली, मीरा व दामिका का लैपटॉप बैंक बुजुर्गों-महिलाओं का बना मददगार

रामकली, मीरा व दामिका का लैपटॉप बैंक बुजुर्गों-महिलाओं का बना मददगार

इंदौर. तकनीक के आसान फार्मेट लोगों को इसके उपयोग के लिए प्रेरित ही नहीं कर रहे, आत्मनिर्भर बनने में भी मदद कर रहे हैं। कलारिया की रामकली, काजी पलासिया की मीरा चौधरी व धूलेट की दामिका सूर्या ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गों के लिए चलता-फिरता लैपटॉप बैंक हैं। ये महिलाएं बैंक सखी बनकर लोगों की मदद के साथ आत्मनिर्भर भी बन रही हैं। रामकली-मीरा की तरह 29 महिलाएं बैंक सखी बनकर ग्रामीण इलाकों में लैपटॉप पर बैंक का संचालन कर रही हैं। सामान्य पढ़ी-लिखी महिलाएं मोबाइल के साथ लैपटॉप चलाना सीखकर स्वयं सहायता समूह की सखियों, ग्रामीण बुजुर्गों और महिलाओं की मदद कर रही हैं। इससे बैंक सखियां हर महीने 8 से 17 हजार रुपए महीने की कमाई भी कर रही हैं।
दरअसल, बैंकों की डोअर स्टेप बैंकिंग योजना में बैंक कर्मचारी या नियुक्त व्यक्ति किसी बुजुर्ग व असहाय को घर जाकर राशि निकालकर देते हैं। मप्र ग्रामीण बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने महिलाओं को फोकस कर इस योजना का ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार किया है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने समीक्षा के दौरान बैंक सखियों को भी बुलाया था। महिलाओं ने लैपटॉप, मोबाइल और बायोमेट्रिक मशीन से डोअर बैंकिंग का प्रदर्शन कुशलता से किया। कलेक्टर ने बताया कि तीनों महिलाओं की स्किल देखकर इस योजना में 100 बैंक सखी बनाने का निर्णय लिया है। हमारी कोशिश होगी कि विधवा महिलाओं को भी इस तरह आत्मनिर्भर बनाएं।
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ऐसे कर रहीं कार्य
एलडीएम सुनील ढाका ने बताया, बैंक सखी के लिए लैपटॉप, बायोमेट्रिक मशीन और मोबाइल जरूरी होता है। इसके माध्यम से वे खाताधारक का अंगूठा लगवाकर अकाउंट वेरिफाई कर लैपटॉप पर प्रोसेस कर रही हैं। संबंधित व्यक्ति को जरूरत के अनुसार राशि देती हैं। इसके अलावा स्व-सहायता समूह की अन्य महिला सदस्यों का बैंकों में खाता खोलना, राशि जमा करना, निकालना, शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाना, वृद्धजनों को पेंशन राशि भी बैंक से निकालकर दी जा रही है।
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मीरा को मिली समृद्धि
मीरा चौधरी ने बताया, बैंक सखी बन प्रतिमाह 17 हजार रुपए कमा रही हूं। पति की मृत्यु के बाद आर्थिक संकट था। बैंक से लोन लेकर ब्यूटी पार्लर खोला और अब बैंक सखी का कार्य भी कर रही हूं। मीरा खुड़ैल में यह कार्य कर रही हैं।