
गणेशोत्सव की धूम
इंदौर में भगवान गणेश घर घर में विराज गए हैं। यहां करीब 5 हजार झांकियां भी स्थापित की गई हैं जहां गणेशजी लोगों को अपना आशीर्वाद कई रूपों में दे रहे हैं। गणेशोत्सव की धूम पहले दिन ही शुरु हो गई है। खजराना में तो पहले ही दिन 70 हजार से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए पहुंचे।
गणेशोत्सव के मौके पर हम आपको शहर के ऐसे गणेश मंदिरों के बारे में बता दे रहे हैं, जोकि प्राचीन होने के साथ ही आस्था के कई रूप संजोए हुए हैं। ये गणेश मंदिर इंदौर ही नहीं देश-दुनिया के भक्तों की आस्था के केंद्र हैं।
वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हैं भगवान गणेश
जूनी इंदौर में 39 साल पहले नारियल में भगवान गणेश का मुखारविंद बना है। समय-समय पर आंख, सूंड आदि ने आकार लिया। इसके लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज हो चुका है। महेन्द्र व्यास ने बताया कि यहां 11 दिनी महोत्सव मनाया जाता है जिसकी शुरूआत हरतालिका तीज से होती है। भगवान को पानी वाला नारियल, पान और सुपारी अर्पित की जाती है। खास बात यह है कि इस मंदिर में नारियल नहीं फोड़ा जाता है।
1200 वर्ष पुराने मंदिर में आया औरंगजेब
जूनी इंदौर के जूना चिंतामण गणेश मंदिर 1200 से 1300 साल पुराना है। पं. मनोहर लाल पाठक ने बताया कि परमारकालीन इस मंदिर में ओरंगजेब भी आ चुका है। छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु समर्थ रामदास भी आ चुके हैं।
सपने में दर्शन देने पर बनी एशिया की सबसे बड़ी प्रतिमा
प्राचीन बड़ा गणपति मंदिर 122 साल पुराना है। यहां 1901 में प्रतिमा की स्थापना की गई थी। पंडित धनेश्वर दाधीच ने बताया, पंडित नारायण दाधीच को भगवान ने सपने में दर्शन दिए थे। इसके बाद प्रतिमा की स्थापना की गई। 25 फीट ऊंची व 14 फीट चौड़ी प्रतिमा एशिया में घोषित तौर पर सबसे बड़ी है। यहां गणेशजी का श्रृंगार करने के लिए 10-12 दिन लग जाते हैं।
Published on:
20 Sept 2023 01:34 pm
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