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जिस काम का वेतन ले रहे, वही करने के लिए मांग रहे रिश्वत

लोकायुक्त ने 2021 में किए 25 ट्रैप केस, रिश्वत मांगने में सबसे आगे पुलिस-पटवारी  

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प्रमोद मिश्रा
इंदौर. रिश्वत मांगने में पुलिस व राजस्व विभाग के पटवारी सबसे आगे हैं। 2021 में पुलिस ने 25 ट्रैप केस किए हैं। इनमें 6-6 पुलिसकर्मी व पटवारी शामिल हैं। इनके आकलन से पता चलता है, अधिकांश ऐसे मामले हैं जिसके लिए कर्मचारी को वेतन मिल रहा है, लेकिन उसी काम को करने के लिए अड़ीबाजी कर रिश्वत की मांग की जाती है। परेशान व्यक्ति उसे सबक सिखाने की ठानकर लोकायुक्त के पास पहुंच जाता है।

2020 में कोरोना काल में गतिविधियां कम हुईं तो रिश्वत के मामले कम हो गए, लेकिन 2021 में फिर बढ़ गए हैं। एसपी सव्यसाची सराफ की टीम ने 2020 में जहां 24 ट्रैप केस पकड़े थे, वहीं इस साल सितंबर 2021 तक बढ़कर 25 केस हो गए हैं। पुलिस व राजस्व विभाग के कर्मचारी सबसे ज्यादा रिश्वत मांगने में फंसे हैं। डीएसपी प्रवीणसिंह बघेल के मुताबिक, अधिकांश मामलों में अधिकारी-कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभाने के एवज में ही रिश्वत मांगते हैं, फरियादी को पैसों के लिए परेशान करते हैं और फिर रिश्वत लेते पकड़े जाते है।
दोबारा मांगने में भी फंस रहे

लोकायुक्त के पास ऐसे मामले भी आते हैं, जिनमें कर्मचारी-अधिकारी एक बार तो रिश्वत ले लेते हैं, लेकिन बाद में फिर पैसों की मांग कर काम में अड़ंगा डालते हैं और फिर पकड़े जाते हैं।


इन विभागों का हुआ ट्रैप
बिजली कंपनी-1

शिक्षा विभाग-1
नगरीय प्रशासन-2

पुलिस-6
पटवारी-6

पंचायत 1
सहकारिता-3

रजिस्ट्रार-1
वन विभाग-1

कृषि विभाग-1
जेल विभाग 1

स्वास्थ विभाग-1


रिक्शा छोडऩे के एवज में 10 हजार मांगे, फंस गई पुलिस
- अगस्त 2021 में बाणगंगा थाने के एएसआइ संतोष पर 10 हजार रुपए रिश्वत मांगने का केस दर्ज हुआ। जब्त ऑटो रिक्शा प्रक्रिया के बाद भी छोडऩे के लिए पैसे मांगे थे। लोकायुक्त टीम पहुंची तो भनक लगने से पुलिसकर्मी भाग गया, लेकिन रिकॉर्डिंग के आधार पर उस पर केस दर्ज हुआ।

- 1 सितंबर को 30 हजार रुपए लेते थाना राजोद (धार) के एएसआइ किशोरसिंह को पकड़ा। फरियादी परमानंद व परिवार पर दर्ज केस में धारा बढ़ाने की धमकी देकर १ लाख रुपए की मांग कर परेशान कर रहा था।
- फरियादी बादल चौहान से पत्नी के नाम खरीदे भूखंड का नामांतरण करने के एवज में 7 हजार की रिश्वत लेते 6 अगस्त को जोबट, आलीराजपुर पटवारी बालू सिंह को पकड़ा।

- 3 अगस्त को फरियादी भूपेश दुबे से 10 लाख के बिल का भुगतान करने के एवज में नगर निगम जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना व हेमाली वैद्य को पकड़ा।
-१ मार्च को महू जेल में सफाईकर्मी मनीष को 25 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा। दिलीप चौकसे का परिचित जेल में था, सुविधाएं देने के नाम पर प्रहरी अजेंद्रसिंह रिश्वत मांग रहा था और राशि लेने सफाईकर्मी को भेजा।

- 18 मार्च को प्रकाश से पिता के निधन के बाद जमीन का नामांतरण उसके व मां के नाम करने के एवज में 50 हजार की रिश्वत लेते पटवारी मो. रफीक खान ग्राम राजोद को पकड़ा। आरोपी ने 4 लाख की रिश्वत मांगी थी।
- प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत राशि की किस्त जारी करने के एवज में कालूराम से 2 हजार की रिश्वत लेते रोजगार सहायक लोकेश जैन ग्राम मोहनपुरा खरगोन को पकड़ा।

- प्रधान पाठक उखर्डू की सेवानिवृत्ति के बाद जीपीएफ, अवकाश की राशि जारी करने के एवज में बीइओ कार्यालय खकनार, बुरहानपुर के बड़े बाबू रामचरण पटेल ने 80 हजार रुपए मांगे। 22 सितंबर को 30 हजार लेते पकड़ा।