
इंदौर. डिजिटल युग में अब हिन्दी की मांग भी तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2023 तक भारत में इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या करीब 82 करोड़ थी और इसमें 85 प्रतिशत उपयोगकर्ता क्षेत्रीय भाषा के थे। इसमें मनोरंजन, जानकारी, व्यक्तिगत विकास और व्यावसायिक जैसा अधितकम कंटेट हिन्दी का शामिल है। सबसे ज्यादा राजनीतिक कंटेंट हिन्दी में ही उपयोग किया जाता है। हिन्दी की लोकप्रियता के कारण ही अब फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप जैसे सोशल और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हिन्दी भी प्राथमिक विकल्प के तौर पर उपलब्ध है। शहर में करीब दो दर्जन से अधिक ऐसी एजेंसी हैं जो सोशल और डिजिटल प्लेटफाॅर्म के लिए कंटेंट सर्च कर उपलब्ध करवाती है और ऑपरेटर उन्हें इसके बदले राशि भी चुका रहे हैं। दावा है कि इन एजेंसियों के पास हिन्दी कंटेंट उपलब्ध करवाने की अधिक मांग होती है।
हर प्लेटफॉर्म पर हिन्दी उपलब्ध
शहर की कंटेंट क्रिएटर आयुषी कुशवाह ने बताया, अब एजेंसियां अलग-अलग टूल का उपयोग कर हिन्दी कंटेंट सर्च कर रही हैं। हर प्लेटफाॅर्म पर अंग्रेजी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के साथ हिन्दी में वर्णन उपलब्ध रहता है। सोशल मीडिया पर रील्स बनाना हो या पोस्ट क्रिएट करना सभी में हिन्दी को प्राथमिकता दी जाती है। पोस्ट कंटेंट के साथ ही सर्च करने के लिए हिन्दी के कीवर्ड का उपयोग जरूर किया जाता है। हिन्दी कंटेंट क्रिएट करने में अत्यधिक सावधानी रखना होती है क्योंकि हिन्दी से भावनात्मक जुड़ाव होता है। राजनीतिक फील्ड से जुड़े लोग अकसर ऐतिहासिक विषयों की पोस्ट शेयर करते हैं और यह सिर्फ हिन्दी में ही होती हैं।
सोशल मीडिया पर रोज 110 करोड़ पोस्ट होती शेयर
बेंगलूरु के डिजिटल एजेंसी संचालक रत्नेश द्विवेदी ने कहा, डिजिटल मीडिया का काम अधिकतम इमोशनल कनेक्शन बिल्ड करने के लिए होता है। और इमोशनल कनेक्शन हिन्दी से ही हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार सोशल मीडिया पर एक दिन में 110 करोड़ पोस्ट शेयर की जाती है। इसमें 59.41% पोस्ट पर एंगेजमेंट शून्य होता है। यानि इन पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स कोई रिएक्ट नहीं करते। इसके अलावा बची हुई पोस्ट में अधिकतम हिस्सा हिन्दी का होता है, जिसे अधिक लाइक किया जाता है।
इस प्रकार के कंटेंट की होती है मांग
1.इन्फॉर्मेशनल कंटेंट
2.एंटरटेनमेंट कंटेंट
3.एजुकेशनल कंटेंट
4.प्रोफेशनल कंटेंट
5.पर्सनल डेवलपमेंट कंटेंट
कंटेंट में हिन्दी-अंग्रेजी का उपयोग
-एंटरटेनमेंट संबंधी कंटेंट में हिन्दी का प्रतिशत 55-60 प्रतिशत होता है।
- एजुकेशनल कंटेंट में हिन्दी का उपयोग 50 प्रतिशत तक होता है।
- प्रोफेशनल कंटेंट में हिन्दी का प्रतिशत 45 और अंग्रेजी का 55 प्रतिशत उपयोग किया जाता है।
- पर्सनल डेवलपमेंट कंटेंट में हिन्दी का उपयोग 60 से 65 प्रतिशत तक किया जाता है।
अब हिन्दी में पॉडकास्ट की मांग
आर.जे. गौरव, फॉर्मर आरजे एंड पॉडकास्टर के मुताबिक अंग्रेजी में शुरू हुए पॉडकास्ट में अब हिन्दी भी जगह बना चुकी है। हिन्दी पॉडकास्ट को सुनने वालों की संख्या बढ़ रही है।हर विषय पर हिन्दी में पॉडकास्ट डिजिटल मीडिया पर मिल जाता है। इन्हें सुनकर लोग मोटिवेट हो रहे हैं और कार्य क्षमता का विकास कर रहे हैं। इसके लिए लगातार हिन्दी के कंटेंट सर्च किए जाते हैं।अब बड़ी कंपनियां, मोटिवेशनल स्पीकर, धर्मगुरु आदि पॉडकास्ट का उपयोग कर रहे हैं।इन सभी में अधिकतम हिन्दी का कंटेंट ही होता है।
हिन्दी कंटेंट से जुड़ते हैं दर्शक
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर आदित्य शर्मा के मुताबिक डिजिटल मीडिया पर न्यूज कंटेंट हो या एजुकेशनल सभी के लिए हिन्दी का ही उपयोग किया जाता है।खास कर इंदौर की बात की जाए तो मैं दिनभर में अलग-अलग पेज के माध्यम से 10 रील सोशल मीडिया पर अपलोड करता हूं।इन सभी के लिए हिन्दी में ही कंटेट तैयार किया जाता है।अंग्रेजी में कंटेंट आसानी से उपलब्ध हैं।लेकिन थोड़ी मेहनत कर हिन्दी का ही कंटेट उपयोग करते हैं।
Published on:
14 Sept 2024 01:37 pm
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