
इंदौर की स्थापना को लेकर सुमित्रा महाजन ने किया बड़ा खुलासा
इंदौर. इंदौर के जन्मदिन को लेकर लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन (ताई) ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखा है। वरिष्ठ इतिहासकारों से चर्चा और देवी अहिल्या से जुड़े संदर्भ के आधार पर 20 जनवरी को इंदौर का जन्मदिन मनाने की मांग की है। मालूम हो, पिछले दिनों मुख्यमंत्री 31 मई को इंदौर का जन्मदिन मनाने की घोषणा कर चुके हैं।महाजन ने लिखा है कि सूबेदार मल्हारराव होलकर ने करीब 300 साल पहले अपनी बहू अहिल्या बाई को पुत्र खांडेराव के साथ शिक्षा-दीक्षा दी थी। यह वह समय था, जब महिलाओं की शिक्षा एवं बराबरी के बारे में सोचा नहीं जाता था। मुगलों से हिंदुस्तान को मुक्त कराने के लिए छत्रपति शिवाजी ने पराक्रम दिखाया और दक्खन में स्वराज्य की स्थापना की थी। उसी तरह पेशवा के नेतृत्व में मालवा एवं आसपास के क्षेत्र में होलकर, शिंदे और पंवार ने मुगलों के खिलाफ जंग लड़ी थी। 1728 में तिरला (अमझेरा) में मल्हारराव होलकर व पंवारों के नेतृत्व में लड़े गए युद्ध में मुगलों को हराया था। इसके बाद 20 जनवरी 1734 को पेशवा ने मालवा सहित इंदूर की खासगी जागीर मल्हारराव होलकर की पत्नी गौतमा बाई होलकर के नाम की थी। यही वह दिन था, जब इंदौर पूरी तरह से मुगलिया सल्तनत के आधिपत्य से मुक्त हुआ था। इसलिए इसी दिन इंदौर का जन्मदिन मनाया जाना चाहिए। 20 जनवरी 1734 का ऐतिहासिक महत्व एवं गौरव इंदौर के लिए उसी प्रकार है, जैसे देश के लिए 15 अगस्त 1947 है। इस सनद से मालवा में सूबेदार मल्हारराव होल्कर और उनके बाद अहिल्याबाई होलकर ने मालवा में सुशासन की नींव रखी। महाजन के मुताबिक, 1741 में इंद्रेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार और 1747 में राजबाड़ा के प्रथम चरण की शुरुआत हुई। वर्तमान इंदौर के व्यावसायिक, औद्योगिक, सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक व कृषि उन्नयन की शुरुआत 20 जनवरी 1734 को होलकरों को खासगी जागीर मिलने के बाद ही हुई है। इसलिए 20 जनवरी को गौरव दिवस मनाया जाना चाहिए।
Published on:
14 Mar 2022 03:43 pm
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
