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मेक माय ट्रिप ने एक माह पूर्व का दिया एयर टिकट, 44 हजार चुकाने के आदेश

टूर प्लान करने वाली मेक माय ट्रिप डॉट काम कंपनी को जिला उपभोक्ता फोरम ने फ्लाइट बुकिंग में गड़बड़ी करने पर ४४,२०० रुपए चुकाने के आदेश दिए हैं।

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make my trip fraud case in indore

इंदौर . टूर प्लान करने वाली मेक माय ट्रिप डॉट काम कंपनी को जिला उपभोक्ता फोरम ने फ्लाइट बुकिंग में गड़बड़ी करने पर ४४,२०० रुपए चुकाने के आदेश दिए हैं। करीब दो साल पुराने मामले में कंपनी के खिलाफ फोरम अध्यक्ष अमनीश कुमार वर्मा और सदस्य कुंदनसिंह चौहान ने फैसला सुनाया। आरएनटी मार्ग निवासी सुमित त्रिवेदी ने १२ परिचितों के साथ केस दायर किया था। उन्होंने मुंबई से हांगकांग के टूर पैकेज को लेकर मेक माय ट्रिप से चर्चा की थी। कंपनी ने १६ मई २०१५ को मुंबई से हांगकांग के लिए रवाना होकर २१ मई को वापसी का प्लान बताया था। इसके लिए १३ लोगों के लिए १० लाख ३० हजार ३३४ रुपए तय हुए थे। कंपनी ने इंदौर से मुंबई और २१ को वापस इंदौर आने के लिए ४४,२०० रुपए अतिरिक्त राशि तय की। लेकिन कंपनी ने १५ अप्रैल के टिकट बुक कर दिए। कुछ दिन पहले जानकारी मिलने पर कंपनी में शिकायत कर नए सिरे से मुंबई के टिकट कराने को कहा। इसमें ५०,९४६ रुपए सुमित और उनके साथियों को देना पड़े।

आपसी सहमति से निपटे चेक बाउंस के ५०४ मामले
वर्षों से कोर्ट में पेंडिंग प्रकरणों के आपसी सहमति से निराकरण के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत शनिवार को जिला कोर्ट में लगी नेशनल लोक अदालत में कुल २१७६ केसों का निराकरण हुआ। इनमें १७ करोड़ ४७ लाख १७ हजार २७२ रुपए की अवॉर्ड राशि पारित हुई। इनमें ५०४ केस चेक अनादरण के थे, जबकि ३३९ क्लेम केस थे। सिविल के ५४, बिजली कंपनी के २३३, राजीनामा योग्य ६२ आपराधिक केस, प्री-लिटिगेशन के ६०७ तथा वैवाहिक ६४ केस थे। श्रम के ७५ व बैंक रिकवरी का एक केस निराकृत हुआ। अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीवकुमार श्रीवास्तव, जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष दिनेश पांडे, सचिव गोपाल कचोलिया और सुभाष चौधरी की मौजूदगी में किया गया।

हाई कोर्ट में ५२२ केस निपटे
नेशनल लोक अदालत के तहत शनिवार को हाई कोर्ट की इंदौर पीठ में कुल १७७७ प्रकरण आपसी सहमति से निराकरण के लिए रखे गए, जिनमें से ५२२ केस निराकृत हुए। इनमें अधिकांश क्लैम प्रकरण थे। 5 जस्टिस की खंडपीठ ने मोटर दुघर्टना के 40 प्रकरण निराकृत कर 23.५१ लाख रुपए का अवार्ड पारित किया। 295 प्रकरण भूमि अधिग्रहण तथा 158 सिविल प्रकरण निराकृत किए। १० साल से अधिक सजा काट चुके अपराधियों की ११ अपीलों पर विशेष रूप से सुनवाई हुई। जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस आलोक वर्मा की युगल पीठ में कुल ११ क्रिमिनल अपीलों की सुनवाई हुई, जिसमें से सात पर फैसला सुरक्षित रखा गया।