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21 मार्च से मालवा एक्सप्रेस में होने वाले हैं ये बदलाव, इन यात्रियों को आ सकती हैं दिक्कत!

एलएचबी रैक में नहीं है विकलांग-महिला कोच

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इंदौर

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Hussain Ali

Mar 13, 2020

21 मार्च से मालवा एक्सप्रेस में होने वाले हैं ये बदलाव, इन यात्रियों को आ सकती हैं दिक्कत!

21 मार्च से मालवा एक्सप्रेस में होने वाले हैं ये बदलाव, इन यात्रियों को आ सकती हैं दिक्कत!

इंदौर. सुरक्षा और सुविधाओं के नाम पर रेलवे ने अपने दो श्रेणी के यात्रियों की अहम् सुविधा ही खत्म कर दी है। अब इन यात्रियों को जनरल कोच में धक्के खाकर सफर करना पड़ रहा है। दरअसल इंदौर रेलवे स्टेशन से ऐसी १० से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें दिव्यांग और महिलाओं को जनरल कोच में सफर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि इन ट्रेनों में न ही दिव्यांग कोच लगते हैं और न महिला कोच।

अभी तक इंदौर से अधिकतर ट्रेनें आईसीएफ रैक से संचालित हो रही हैं। इसमें एसी, स्लीपर, जनरल कोच के अलावा महिलाओं और दिव्यांग के लिए अलग से कोच हैं, ताकि दिव्यांग यात्रियों को सफर में किसी तरह की परेशानी न हो। इसी तरह महिलाओं के कोच में अकेली जा रही महिला भी सुरक्षित सफर करती है। यह कोच गार्ड कैबिन से लगे हुए होते हैं, लेकिन इंदौर से चलने वाली इंदौर-पुरी हमसफर, इंदौर-लिंगमपल्ली हमसफर, इंदौर-सरायरोहिल्ला इंटरसिटी, महू-यशवंतपुर एक्सप्रेस, इंदौर-कोचुवेली एक्सप्रेस, इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस, इंदौर-जोधपुर सुपरफास्ट, अवंतिका एक्सप्रेस और 21 से महू से मां वैष्णो देवी के बीच चलने वाली मालवा एक्सप्रेस को एलएचबी रैक से चलाया जा रहा है। इस रैक में गार्ड कैबिन के साथ जनरेटर सेट लगा हुआ है। इसके साथ पार्सल के लिए एसएलआर लगा है।

नहीं सुनते यात्री...

एलएचबी रैक के सभी जनरल कोच में महिलाओं और दिव्यांगों के लिए चार सीटें आरक्षित की गई हैं, लेकिन जनरल कोच में चढऩा ही मुसीबत भरा होता है। जब कोच में चढ़ो तो सीट पर अन्य यात्री बैठे होते हैं, जो विवाद करते हैं।

अफसरों की मनमानी

वर्मा के अनुसार रतलाम डिविजन के गैरजिम्मेदार, लापरवाह अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नही दिया है, जिससे रतलाम-मंडल कि महत्वपूर्ण ट्रेनों में महिलाएं और दिव्यांग परेशान हो रहे हैं, जबकि इन कोच फैक्ट्री का अनुसरण किया जाना चाहिए था।

जीएम से की शिकायत

इस पूरे मामले क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति सदस्य जगमोहन वर्मा ने पश्चिम रेलवे जीएम से शिकायत की है। वर्मा ने बताया कि इंदौर से 10 से अधिक ट्रेनों को एलएचबी रेक से चलाया जा रहा है। इस रेक में महिला/दिव्यांग कोच नहीं है, जिसके कारण महिला यात्रियो को भारी भीड़ में गेट पर लटककर, टायलेट में बैठकर, गेट पर लोगों के पैरों तले रौंदते हुए यात्रा करना पड़ती है। इसके साथ ही दिव्यांग यात्रियों को भी काफी दिक्कतों के साथ सफर करना पड़ता है। वर्मा के अनुसार आईसीएफ चैन्नई, माडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली ने एलएचबी रेक की ट्रेनों में महिला, दिव्यांग यात्रियो की सुविधाओं के लिए मोडिफाइड जनरेटर कार/मोडिफाइड पावरकार बनाये हैं, जिसमें वर्तमान जनरेटर कार के जनरेटर को कोच के निचले हिस्से/पहियों पर शिफ्ट कर दिया है, जिससे उपर का हिस्सा फ्री हो गया है, जिसमें महिला, दिव्यांग के बैठने की व्यवस्था हो सकी है।