
इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्ध मैनेजमेंट कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले छात्र पुराना सिलेबस पढक़र ही मैनेजर बनते जा रहे हैं। इस सिलैबस में ऐसे टॉपिक भी पढ़ाए जा रहे है, जो वर्तमान में काम के नहीं है। लगातार एमबीए का प्लेसमेंट गिरने के बाद यूनिवर्सिटी ने अब सिलेबस में बदलाव की कवायद शुरू की है।
अंतिम बार 2009 में एमबीए का सिलेबस बदला था। ये सिलेबस तत्कालीन रूप से समृद्ध था लेकिन, समय के साथ यूनिवर्सिटी ने इसे अपडेट ही नहीं किया। इसका असर धीरे-धीरे प्लेसमेंट पर नजर आने लगा है। यूनिवर्सिटी की परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले कई मेरिट होल्डर्स का भी प्लेसमेंट नहीं हो पा रहा। कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट में वर्तमान की जरूरतों के लिहाज से आकलन करती है, जबकि छात्र इस अनुरूप जवाब ही नहीं दे पाते। कॉलेजों का भी मानना है कि मौजूदा सिलेबस में कॉर्पोरेट सेक्टर की जरूरतों के अनुरूप बदलाव होना चाहिए। बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमैन रजनीश जैन का कहना है, लंबे समय से एमबी का सिलेबस नहीं बदल पाने से थोड़ी समस्या हो रही है। सिलेबस में बदलाव के लिए बैठक हो चुकी है। इंडस्ट्री की जरूरतें समझने के बाद जरूरी बदलाव किए जाएंगे।
सिलेबस के चक्कर में ठप हो गई पढ़ाई
बीबीए और बीसीए में सेमेस्टर ही जारी रखने के लिए यूनिवर्सिटी ने भले ही कॉलेजों को मौखिक आदेश दे दिए है। लेकिन, कई कॉलेज अभी तक अधिसूचना का ही इंतजार कर रहे हैं। इस कारण कॉलेजों में पढ़ाई प्रभावित होने से छात्र-छात्राएं परेशान हैं। शुक्रवार को ओल्ड जीडीसी से बीबीए कर रही छात्राएं यूनिवर्सिटी पहुंची। परीक्षा नियंत्रक अशेष तिवारी से मिलकर उन्होंने शिकायत की कि सिलेबस के चक्कर में पढ़ाई ठप हो गई। रजिस्ट्रार अजय वर्मा भी छात्राओं के सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। छात्राओं की परेशानी कुलपति नरेंद्र धाकड़ के पास पहुंची। उन्होंने जल्द ही अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देशित किया।
Published on:
30 Dec 2017 10:12 am
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
