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कछुआ चाल से चल रहा मॉड्यूलर ओटी का काम

सात करोड़ के प्रोजेक्ट की टाइम लिमिट हो गई पार, दिसंबर तक पूरा नहीं होगा निर्माण

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इंदौर

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Anil Phanse

Nov 28, 2023

कछुआ चाल से चल रहा मॉड्यूलर ओटी का काम

कछुआ चाल से चल रहा मॉड्यूलर ओटी का काम

इंदौर। सात करोड़ रुपए की लागत से महाराजा यशवंतराव होलकर अस्पताल में इस समय मॉड्यूलर ओटी (ऑपरेशन थिएटर) का काम चल रहा है। यह काम पहली मंजिल पर हो रहा है, लेकिन लेटलतीफी की वजह से अब तक केवल सिविल वर्क ही हो रहा है, जबकि इस काम की डेटलाइन निकल चुकी है, लेकिन कछुआ चाल की वजह से मरीजों को मिलने वाली सुविधा अभी कोसों दूर है।

दरअसल, अस्पताल प्रशासन ने पहली मंजिल पर स्थित प्रसूति वार्ड को एमटीएच हॉस्पिटल शिफ्ट दिया है। यहां खाली हुए वार्ड में प्रबंधन ने 9 मॉड्यूलर ओटी बनाए जाने का निर्णय लिया है। हालांकि अभी यह तय नहीं किया गया है कि ये मॉड्यूलर ओटी में कौन से विभाग कार्य करेंगे, लेकिन इसके निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपी है। इस काम को एजेंसी को जुलाई माह में ही पूरा करना था, लेकिन बजट की कमी के चलते तय समय पर काम पूरा नहीं हो पाया। प्रबंधन ने इस काम के लिए चार करोड़ की राशि भी जारी कर चुका है। इसके बाद भी अभी तक काम बहुत धीमी गति से चल रहा है।

साल 2019 में बनी थी योजना
प्रसूति वार्ड के शिफ्ट होने की प्रक्रिया के दौरान ही साल 2019 में ही पहली मंजिल पर इसके निर्माण की योजना तैयार हो गई थी। कोविड संक्रमण के चलते इसका निर्माण नहीं हो पाया था, क्योंकि प्रसूता वार्ड को एमटीएच में शिफ्ट नहीं किया जा सका था। यही कारण रहा कि यहां का निर्माण कार्य देरी से शुरू हुआ। हालांकि काम जिस गति से चलना चाहिए वह नहीं चल पा रहा है। वहीं अधिकारियों का दावा है कि दिसंबर तक काम पूरा हो जाएगा, लेकिन काम की गति को देखते हुए लग रहा है कि साल 2024 में ही पूरा होगा।

मिलेगा फायदा
यहां आकार ले रही ओटी को अत्याधुनिक बनाई जाएगी। बेक्टेरिया और वाटर प्रूफ होने के साथ ही आग, पानी और सुरक्षा का खासा ध्यान रखा जाएगा। इस ओटी के तैयार होने पर अस्पताल में ओटी संख्या बढक़र 24-25 के करीब हो जाएगी। इन ओटी के निर्माण होने के बाद कई जटिल सर्जरी की सुविधाएं भी मिलने लगेंगी। इससे मरीजों के साथ ही मेडिकल कॉलेज के छात्रों को भी फायदा होगा। यहां पर ओटी के साथ ही 30 बेड का वार्ड भी तैयार हो रहा है ताकि मरीजों को ऑपरेशन के बाद किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें देखरेख में रखा जा सकेगा।