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इंदौर। बाणगंगा क्षेत्र में भाजपा नेता, सर्व ब्राह्मण समाज व कान्यकुब्ज विद्या प्रचारिणी सभा के प्रमुख विष्णुप्रसाद शुक्ला (बड़े भैया) का गुरुवार को निधन हो गया। वे कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला और स्व. राजेन्द्र शुक्ला के पिता थे। कुछ समय से वे बीमार चल रहे थे। शुक्रवार को सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
शुक्ला शहर भाजपा की राजनीति व सर्व ब्राह्मण समाज में बड़े भैया के नाम से पहचाने जाते थे। मिल से राजनीतिक जीवन और फिर ब्राह्मण समाज की सामाजिक एकता के लिए काम किया। 70 के दशक में पहले जनता पार्टी, फिर भाजपा एक मौके के लिए संघर्ष कर रही थी।
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कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल के माध्यम से बड़े भैया ने राजेन्द्र धारकर, फूलचंद वर्मा, प्रकाश सोनकर, सत्यनारायण सत्तन जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं की टोली के साथ राजनीति में प्रवेश किया। उस समय मिल मजदूरों के संगठन इंटक और कम्युनिस्ट राजनीति का शहर में दबदबा था। वे एक साधारण कार्यकर्ता बने रहे। दो बार विधायकी के लिए किस्मत भी आजमाई। एक बार सांवेर जनपद के अध्यक्ष बने।
दो पुत्रों में एक राजेन्द्र उनके साथ रहे, जबकि संजय को कांग्रेस की राजनीति रास आई। कुछ समय से दलगत राजनीति से अलग ब्राह्मण समाज की एकता के लिए काम शुरू किया। न्यायमूर्ति मुरारीलाल तिवारी के साथ भगवान परशुराम जयंती पर यात्रा और सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार की शुरुआत की। कान्यकुब्ज विद्या प्रचारिणी के अध्यक्ष रहे और समाज के बच्चों को आगे बढ़ाने में सहयोग करते रहे।
विष्णु शुक्ला बड़े भैया के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए पूर्व विधायक सत्यनारायण सत्तन ने बताया, पार्टी के लिए 1970-80 का दौर बहुत संघर्ष वाला था। चुनावों में वोट के लिए जूझना पड़ता तो कार्यकर्ताओं के लिए सरकारी अफसरों के दमन का भी सामना करना पड़ता था। ऐसे समय में बड़े भैया ने पार्टी से लोगों को जोड़ा। सदस्य ही नहीं बनाए, उनको सहयोग भी किया।
बांगड़दा पंचायत चुनाव का किस्सा याद आता है। उस समय कलेक्टर अजीत जोगी थे। कांग्रेस की सरकार थी। पंचायत चुनाव में तत्काल वोट की गिनती करके परिणाम घोषित करना था। गिनती का समय आया तो अजीत जोगी खुद आए और पंचायत को पुलिस ने घेर लिया। मैं, निर्भयसिंह पटेल व विष्णु शुक्ला वहीं थे। परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे थे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने सामान समेट कर जाने की तैयारी कर ली थी। बहुत देर तक संघर्ष चलता रहा। पुलिस से झड़प हुई। बड़े भैय्या डटे रहे। इसी बीच सांसद फूलचंद वर्मा आ गए। उन्होंने मामला संभाला। अंदर गए, कलेक्टर व एसपी से चर्चा की। कार्यकर्ताओं को शांत करवाया। फिर वोट की गिनती हुई और परिणाम घोषित किया। बड़े भैय्या ने पार्टी को खड़ा किया।
Updated on:
26 Aug 2022 11:29 am
Published on:
26 Aug 2022 11:25 am
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