
भ्रष्ट करोड़पति बेलदार का भाई भी अपनी इन हरकतों के कारण नगर निगम की नौकरी से हुआ बर्खास्त
इंदौर. लोकायुक्त की जांच में फंसे नगर निगम के बर्खास्त करोडपति बेलदार असलम खान को लाभ पहुंचाने तथा अवैध गतिविधियां करने पर उसके भाई को नगर निगम आयुक्त ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। भाई पर अवैध रूप से पेड़ कटाई तथा बेटे के नाम फर्म खुलवाकर उसमें ठेके लेने का आरोप है जबकि दो अन्य कर्मचारियों ने विभागीय कार्रवाई की फाइल दबाकर असलम को अनुचित लाभ पहुंचाया था। गौरतलब है कि जानकारी छिपाने के कारण संभागायुक्त व प्रशासक डॉ. पवन शर्मा ने असलम को बहाल कर दिया था, हंगामा हुआ तो फिर बर्खास्त किया गया।
2018 में लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर असलम खान के अशोक नगर स्थित निवास पर छापा मारा था। सामने की ओर उसके भाई निगम के उद्यान विभाग में पदस्थ उप निरीक्षक इकबाल खान के निवास पर भी जांच की थी। उस दौरान निगम की फर्मों से संबंधित फाइल मिली थी। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने इकबाल की विभागीय जांच कराई। उद्यान विभाग में पदस्थ रहने के दौरान राजकुमार ब्रिज के नीचे पशु चिकित्सालय के पास सरकारी जमीन से अवैध रूप से पेड़ कटाई, वार्ड 80 के राम मंदिर बगीचे में हरे-भरे नीम, शीशम, बबूल, गुलमोहर व अन्य प्रजातियों के पेडो की कटाई करने व लकडिय़ां चराने का दोषी पाया गया। साथ ही बेटे के नाम से एआरसी आर्क इंटरप्राइजेस फर्म बनाकर गलत तरीके से उद्यान विभाग के बगीचों के फाउंटेन लगाने, सुधार, शासकीय स्कूलों में शौचालय निर्माण का ठेका लेने का मामला सामने आया। 25 अप्रैल 2020 को निगमायुक्त ने उसे निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए। उपायुक्त लता अग्रवाल ने जांच की जिसमें आरोप सही पाए गए। इकबाल खान को 25 मई को स्पीष्टीकरण देने के लिए कहा गया। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए जाने पर सिविल सेवा नियम के प्रावधानों के तहत निगायुक्त ने इकबाल खान को तत्ला बर्खास्त (सेवा समाप्त) करने का आदेश जारी कर दिया।
संभागायुक्त व विभाग से छिपाई थी लोकायुक्त प्रकरण की जानकारी, आबिद व मेहफूज भी बर्खास्त
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने दो अन्य स्थायी कर्मचारी स्थापना विभाग का अनुरेखक आबिद खान, बेलदार व स्थापना विभाग का प्रभारी क्लर्क महफूज खान को भी बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। 19 जून 2021 को ही आयुक्त ने असलम पिता मो. अफजल खान को बर्खास्त करने के आदेश नस्ती पर दिए थे। बाबू आबिद खान ने इसे दबा लिया। छह महीने बाद 5 जुलाई 2021 को जारी कर असलम को अनुचित लाभ देने तथा निजी हितलाभ प्राप्त करने का आरोप सामने आया। 5 जुलाई 2021 को असलम खान द्वारा संभाग आयुक्त के समक्ष की गई अपील की सुनवाई मेें लोकायुक्त प्रकरण के तथ्य को भी छिपाया। मामले सामने आने पर 9 मार्च 2022 को निगमायुक्त ने आबिद खान को निलंबित कर लता अग्रवाल को विभागीय जांच सौंपी थी। जांच मेें आरोप सही पाए गए।
इसी तरह असलम खान के विरूद्ध लोकायुक्त कार्रवाई को लेकर जारी असलम के निलंबन आदेश के बाद विभागीय जांच की फाइल प्रस्तुत नहीं करने तथा असलम ़़़़़़़़़के संबंध मे भ्रामक जानकारी उपसंचालक राजस्व विभाग वित्त मंत्रालय को भेजने, अधिकारियों से तथ्य छिपाने पर 9 मार्च को प्रभारी क्लर्क मेहफूज खान को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश हुए थे जो सही पाए गए। इस आधार पर निगमायुक्त ने दोनों को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया।
Published on:
28 Jun 2022 08:07 pm
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