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मंत्री बोले- मैंने भी सब्जियां बेची हैं, लेकिन आज की सब्जियां तो कड़वी लगती है, जांच करो

locationइंदौरPublished: Aug 05, 2019 11:03:48 am

– सब्जियों में मिलाए जा रहे कोलोफार्म, राउंड वार्म के साथ खतरनाक तत्व- एनजीटी के आदेश पर बुलडोजर चलाने के बाद भी उग रहीं जहरीली सब्जियां- खेतों से आ रहीं सब्जियों में पेस्टिसाइट और हारमोनल केमिकल का खतरा

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मंत्री बोले- मैंने भी सब्जियां बेची हैं, लेकिन आज की सब्जियां तो कड़वी लगती है, जांच करो

इंदौर. मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के बाद अब सरकार जहरीली सब्जियों पर वार की तैयारी में है। रविवार को रेसीडेंसी कोठी पर हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मंडी, बाजार में बिकने आने वाली और खेतों में उग रहीं सब्जियों के सैंपल लेकर जांच कराने के आदेश दिए हैं। आशंका है, शहर के आसपास सब्जियों की सिंचाई के लिए दूषित पानी और ग्रोथ के लिए केमिकल का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक है। बैठक में मंत्री सिलावट ने कहा कि मैंने भी सब्जियां बेची हैं, अब बाजार में जो सब्जियां आ रही हैं, उनकी गुणवत्ता व स्वाद वैसा नहीं रहा, जैसा पहले होता था। इनकी जांच होनी चाहिए। आप आज के परवल खा लें, यह कडक़ और कड़वा लगता है।
केमिकल की जांच होगी

बैठक में संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने बताया, कान्ह नदी के किनारे उगाई जा रहीं सब्जियों को पिछले दिनों कार्रवाई कर नष्ट कराई गई थी। सब्जियों में मिलने वाले केमिकल की जांच होगी। मिलावट अभियान के साथ ही इनकी सैंपलिंग भी की जाएगी। खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग के अफसरों ने मंत्री सिलावट को बताया, एक बार नाले किनारों की सब्जियों की सैंपलिंग करके जांच करवाई गई थी, जिसमें खतरनाक कोलीफार्म व राउंड वार्म की मात्रा मिली थी। सब्जियों को जहरीला करने वाले आर्सेनिक, कास्टिक और कैडमियम जैसे तत्व भी मिले थे।
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कान्ह नदी किनारे उग रहीं जहरीली सब्जियां

इंदौर के आसपास हार्टीकल्चर का बड़ा रकबा है। इसमें सब्जियों का अच्छा खासा उत्पादन होता है। कान्ह नदी के किनारे दूषित सब्जियों का जाल फैला हुआ है। लक्ष्मीबाई नगर, खातीपुरा, एमआर-१०, सांवेर क्षेत्र में भी कई खेतों में शहरों से आ रहा सीवरयुक्त पानी का इस्तेमाल हो रहा है। हरसौला, महू, मानपूर, पीथमपुर व धार इलाकों के लोक पेस्टिसाइट व हारमोनल केमिकल का उपयोग करते हैं। उद्यानिकी विभाग के तकनीकी अधिकारी सौरभ व्यास का कहना है, नालों के किनारे सब्जियां उगाने वालों को कई बार फूलों की खेती के लिए प्रेरित किया गया, लेकिन वह नहीं सुधरे।
बाजार में पहचान करना आसान नहीं

जानकारों के अनुसार जहरीली सब्जियों की बाजार में पहचान करना आसान नहीं होता। दूषित पानी और हारमोन केमिकल वाली सब्जियों की परत कड़ी होती है। इनका रंग सामान्य सब्जियों से ज्यादा गहरा होता है। आकार भी सामान्य से बड़ा होता है। स्वाद में फीकापन आएगा।
कई तरह का केमिकल मिल रहा

नालों में मिल रहे सीवरेज और उद्योगों के पानी में कई तरह के केमिकल होते हैं। इसमें कास्टिक, हैवी मेटल तत्व की भरमार होती है। इस पानी की सिंचाई से सब्जियों में कैडमियम, आर्सेनिक, सीसा, फंगस आदि मिलता है।
कैसे कर रहे प्रयोग

– किसान लौकी, कद्दू, पत्ता गोभी, फूल गोभी का वजन बढ़ाने व जल्दी ग्रोथ के लिए हारमोनल केमिकल बैंजोइक एसिटिक एसिड, आक्सीटोन आदि का उपयोग करते हैं।

– सब्जियों का कलर अच्छा दिखे, ताजी बनी रहे, इसके लिए केमिकल वाले पानी का उपयोग।
– उत्पादन बढ़ाने के लिए केमिकल युक्त खाद अधिक मात्रा में तथा पेस्टिसाइट का छिडक़ाव।

कार्रवाई के बाद भी आ रहीं सब्जियां

– जुलाई 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के आदेश के बाद से इन पर कई बार बुलडोजर चलाया जाता रहा है। इसके बावजूद जहरीली सब्जियां खेतों में उगाई जा रही हैं।
– मालवा मिल, चौइथराम मंडी, राजकुमार मिल मंडी, इतवारिया, सोमवारिया व गुरवारिया बाजार में करीब 15 से 20 प्रतिशत सब्जियां इसी तरह की होती हैं, जिनकी सिंचाई नाले के पानी से हो रही है।
– करीब 150 एकड़ क्षेत्र में हो रही दूषित पानी से सिंचाई।

– इन सब्जियों के खाने से शरीर में धीमा जहर जा रहा है। पेट, लीवर, मस्तिष्क में सूजन, पीलिया, हैजा जैसी बीमारी हो रही हैं।

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