
मंत्री विजय शाह की एक और कलाकारी (Photo Source- Patrika)
मोहित पांचाल की रिपोर्ट
Minister Vijay Shah :मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के विवादित मंत्री विजय शाह की एक कलाकारी और सामने आई है। योजना 114 में अपने कमर्शियल प्लॉट पर अवैध निर्माण को वैध करने का जादू दिखा दिया, जिसमें निगम अफसरों की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। बिल्डिंग के नक्शे का अल्ट्रेशन कराया गया। निगम अफसर ने 27 दिन बाद इसकी कम्पाउंडिंग भी कर दी। ऐसे में सवाल ये है कि, एक महीने से कम भी समय में बिल्डिंग बनकर तैयार कैसे हो गई? इंदौर में आइडीए की योजना 114 पार्ट 2 में प्लॉट नंबर 86 की बन रही कमर्शियल बिल्डिंग यह कलाकारी सामने आई है। ये प्लाट मंत्री विजय शाह के नाम पर रजिस्टर्ड है।
मंत्री शाह के आवेदन पर नगर निगम ने 25 मार्च 2023 को नक्शा पास किया था, जिसमें जिसमें ग्राउंड पर पार्किंग और तीन फ्लोर बनाने थे। कुल 285.78 वर्ग मीटर बनाने की अनुमति दी गई। डेढ़ साल बाद यानी 10 अक्टूबर 2024 को मंत्री शाह के आवेदन पर नगर निगम ने बिल्डिंग के नक्शे का अल्ट्रेशन कर दिया। बिल्टअप एरिया बढ़कर 481.47 वर्गमीटर हो गया।
अल्ट्रेशन के 27 दिन बाद ही बिल्डिंग की कम्पाउंडिंग भी कर दी गई। आवेदन में 767.54 वर्ग मीटर का निर्माण बताया गया। उसमें भी 20 फीसदी नान एफएआर परमिसिबल यानी 96.29 वर्गमीटर का लाभ लिया गया। कुल मिलाकर 288.71 वर्ग मीटर को अवैध बताकर कम्पाउंडिंग करा ली गई।
मंत्री शाह की बिल्डिंग का पहला नक्शा तो बीओ पीएस कुशवाह ने पास किया था। बाद में जब बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो गया तो वैध करने का खेल विवादित बीओ शिवराज यादव ने कर दिया। दूसरी बार नक्शा अल्ट्रेशन और कम्पाउंडिंग का काम भी उनके हाथ से हुआ है। गौरतलब है कि, योजना 54 में डॉ. इजहार मुंशी की बिल्डिंग को तोड़ने के मामले में यादव का नाम आया था। डॉ. मुंशी ने आरोप लगाया था कि यादव ने 5 लाख रुपए की रिश्वत ली थी और बाद में 15 लाख की मांग कर रहे थे।
इस मामले को लेकर तत्कालीन जोनल अधिकारी शिवराज यादव का कहना है कि, अभी इस मामले में कुछ नहीं कह पाउंगा।
Updated on:
12 Jun 2025 10:23 am
Published on:
12 Jun 2025 09:45 am
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