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इंदौर। भोपाल में मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए पहले कमाई और फिर लोन के चक्कर में एक पूरा परिवार ही खत्म हो गया। इन मोबाइल एप्लीकेशन से चक्कर में कई लोग अपनी कमाई भी लुटा चुके हैं। विशेषज्ञ की मानें तो जब तक जरूरी न हो कोई भी मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड न करें। यह एप्लीकेशन न सिर्फ बैंक खाते खाली कर रहे हैं, बल्कि आपकी जिंदगी में भी तांक-झांक कर रहे हैं, इसलिए इनसे बचकर रहना है। इस तरह बचें
साइबर क्राइम एक्सपर्ट गौरव रावल ने बताया कि जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक कोई भी थर्ड पार्टी एप्लीकेशन डाउनलोड न करें। अगर कोई एप्लीकेशन को डाउनलोड करना है तो पहले उसकी रेटिंग देख लें। 4 स्टार से कम हो तो डाउनलोड न करें। उस पर किए गए रिव्यू को भी चेक कर उसकी प्रमाणिकता की जांच की जा सकती है। अगर उस पर 10 कमेंट्स हैं। ज्यादातर ने उसे खराब बताया है तो ऐसे एप्लीकेशन से दूर रहें। एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद उसकी अनुमति भी चेक कर लें। वह गैलरी, कॉन्टेक्ट लिस्ट, कैमरा यहां तक कि हिस्ट्री मैनेज करने की अनुमति मांगेगी। अगर उस एप्लीकेशन का ऐसा कोई काम नहीं पड़ रहा तो अनुमति न दें। वह आपके फोटो का गलत इस्तेमाल कर सकती हैं। उसे इंस्टॉल न करें। एप्लीकेशन को अनइंस्टॉल करने से पहले सारी अनुमति हटा लें। वह अनइंस्टॉल करने के बाद डाटा एक्सिस करता रहेगा।
यह रखें ध्यान
- 4 से कम रेटिंग वाली न हो।
- ज्यादातर रिव्यू खराब न हों।
- अनुमति क्या मांगी जा रही है,
यह भी ध्यान दें। - अनइंस्टॉल करने से पहले सभी अनुमति हटा लें।
ऐसे होती है ठगी
केस- 1 : क्राइम ब्रांच के साइबर हेल्पलाइन नंबर पर ठगी की शिकायत हुई। कस्टमर केयर नंबर को गूगल पर सर्च किया। इसी से ठग से संपर्क हुआ। ठग ने बातों में उलझाया और विश्वास में लेकर मोबाइल नंबर पर टीम व्यूअर डाउनलोड करवा दिया। इसके बाद में मोबाइल का एक्सेस लेकर करीब 66 हजार रुपए निकाल लिए।
केस- 2 : तेजाजी नगर में मोबाइल एप का प्रमोशन करने का झांसा देकर सात लोगों से करीब 80 लाख रुपए ऐंठ लिए। ऑफिस खोलने के नाम पर लोगों से पैसा लिया गया। बाद में अच्छा मुनाफा होने का झांसा दिया। एक महीने तो पैसा दिया फिर गायब हो गए। पुलिस ने डिटेल के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
Published on:
24 Jul 2023 10:56 am
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