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14 दिन की बच्ची को हुआ कोरोना, इलाज के लिए अस्पताल-अस्पताल भटकती रही मां

मासूम बच्ची के इलाज के लिए मां ने लगाए कई अस्पतालों के चक्कर, समाजसेवी कार्यकर्ता की मदद से मिल पाया इलाज..

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इंदौर. इंदौर कोरोना का हॉट स्पॉट बना हुआ है रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना के नए मरीज यहां सामने आ रहे हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में सामने आ रहे कोरोना मरीजों के कारण इंदौर शहर में हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ रही हैं। अस्पताल करीब-करीब पूरे भर चुके हैं और ऐसे में कई लोगों को इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति के बीच एक महिला अपनी 14 दिन की कोरोना संक्रमित बच्ची को लेकर इलाज के लिए अस्पताल अस्पताल भटकती रही लेकिन कहीं पर भी उसे भर्ती नहीं किया गया। घंटों बाद सामाजिक कार्यकर्ता को जब इस घटना का पता चला तो उनकी पहल पर मासूम बच्ची का इलाज शुरु हो पाया।

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मासूम को लेकर अस्पताल-अस्पताल भटकती रही मां
बताया जा रहा है कि शहर के विजय नगर इलाके की रहने वाली एक महिला 14 दिन पहले ही मां बनी है। लेकिन महज 14 दिन की इस मासूम बच्ची को भी कोरोना ने अपनी जद में ले लिया। मासूम बेटी के इलाज के लिए मां शहर के अस्पतालों के चक्कर लगाती रही और बेटी की जान बचाने की गुहार लगाती रही लेकिन 10 से भी ज्यादा अस्पतालों के चक्कर काटने के बावजूद किसी ने उसकी गुहार नहीं सुनी। बेटी के इलाज के लिए भटक रही महिला को इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता यश पाराशर के बारे में जानकारी लगी तो उन्होंने तुरंत यश पाराशर से संपर्क किया। सामाजिक कार्यकर्ता यश पाराशर ने बेबस मां की तकलीफ समझी और फिर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर मासूम बच्ची को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया तब कहीं जाकर बच्ची का इलाज शुरु हुआ।

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लगातार समाज सेवा में जुटे हैं यश पाराशर
बता दें कि कोरोना महामारी के इस संकट के दौर में इससे पहले भी सामाजिक कार्यकर्ता यश पाराशर असहाय और मरीजों की मदद कर चुके हैं। चीन से आए युवक मनोज शर्मा के निधन के बाद पत्नी के चीन में होने के कारण सामाजिक कार्यकर्ता यश पाराशर ने ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर उनका अंतिम संस्कार किया था।

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