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एमपी हाईकोर्ट में पहली बार अंधेरे में एक घंटे चली सुनवाई, NEET UG Exam 2025 पर फैसला सुरक्षित

MP High court on NEET UG Exam 2025: नीट यूजी परीक्षा को लेकर 90 याचिका पर एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई, वकील की दलील के बाद जज ने दिया बिजली बंद करने का आदेश, अंधेरे में एक घंटे चली सुनवाई, जानें क्या है मामला, जज ने क्यों करवाया कोर्ट रूम में अंधेरा...

MP High Court Hearing in Dark After Light Off on NEET UG Exam 2025
MP High Court Hearing in Dark After Light Off on NEET UG Exam 2025 result Hold (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

MP High Court on NEET UG Exam 2025: एनईईटी-यूजी परीक्षा को लेकर दायर 90 याचिकाओं पर सोमवार को हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई। इस दौरान वकील कोर्ट में अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में लाइट नहीं होने से परेशानी होने की दलील दे रहे थे। वहीं केंद्र सरकार की ओर से कहा जा रहा था कि बिजली जाने के बाद भी पर्याप्त व्यवस्था और प्राकृतिक रोशनी इतनी थी कि परीक्षार्थियों को कोई परेशानी नहीं हुई। दोनों अपने-अपने तरीके से इस बात को रख रहे थे।

इस पर जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने आदेश दिया कि कुछ समय के लिए कोर्ट की बिजली बंद कर दी जाए, जिससे ये समझा जा सके कि बिजली गुल होने की स्थिति में क्या वाकई परीक्षार्थियों को परेशानी हुई थी या नहीं। इसके बाद कुछ समय के लिए कोर्ट रूम में रोशनी के सभी उपकरण बंद कर दिए गए, जिससे अंधेरा हो गया।

आज 4 मई जैसी स्थिति नहीं, तेज हवा आंधी चल रही थी

इस पर परीक्षार्थियों की ओर से पेश अभिभाषक मृदुल भटनागर ने कहा कि आज 4 मई जैसी स्थिति नहीं है। उस दिन लगातार तेज हवा-आंधी चल रही थीं। बादल छाए हुए थे, बारिश हो रही थी। इस वजह से प्राकृतिक रोशनी कम थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि ये बात सही है, लेकिन हम समझने के लिए लाइट बंद कर सकते हैं। और बिजली बंद करवा दी गई। लगभग एक घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

वीडियो भी रखे कोर्ट में

बता दें कि कोर्ट में सोमवार को परीक्षार्थियों की ओर से 4 मई की स्थिति को लेकर वीडियो भी रखे गए। कोर्ट में इन वीडियो को रखते हुए उन्होंने दलील दी कि इनके जरिए देखा जा सकता है कि परीक्षा हॉल में उस समय रोशनी कितनी कम थी, ऐसे में परीक्षा देने के लिए पर्याप्त उजाला होने की बात गलत है।

याचिका दायरकर्ताओं के रिजल्ट रोके थे

मई में याचिका दायर होने के बाद हाईकोर्ट ने पहले एनईईटी-यूजी की परीक्षाओं पर रोक लगा दी थी। बाद में इस रोक को हटाते हुए केवल 11 सेंटर्स पर रोक लगाई गई थी। 9 जून को ये रोक भी हटाते हुए केवल याचिका दायर करने वाले 75 अभ्यर्थियों के रिजल्ट तक सीमित कर दी गई थी। साथ ही रिजल्ट घोषित करने की छूट दे दी थी। इसके बाद 14 जुलाई को रिजल्ट भी घोषित हो गया था। वहीं बचे हुए 75 परीक्षार्थियों के रिजल्ट को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई।

इस कारण लगी याचिका

एनईईटी-यूजी की परीक्षा के लिए 4 मई को पूरे देश में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने आयोजित की थी। शाम को परीक्षा होनी थी, लेकिन इंदौर में उस दिन अचानक मौसम बदल गया था। तेज हवा चलने के साथ ही जोरदार वर्षा पूरे शहर में हुई थी। साथ ही शहर के बड़े हिस्से की बिजली गुल हो गई थी। आरोप था कि परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल होने पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी।

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