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मध्यप्रदेश में पहली बार रात नौ बजे बैठी हाईकोर्ट, जानिए क्या है वजह

- कोर्ट ने तोडफ़ोड़ पर एक दिन की रोक लगाते हुए गुरुवार को सुनवाई के दिए आदेश - बीमा नगर स्थित मकान के बाहर एमओएस को तोडऩे की निगम की कार्रवाई के खिलाफ की गई रिट अपील- नगर निगम की टीम ने बुधवार सुबह 8 बजे तोडफ़ोड़ करने के दिए थे आदेश

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मध्यप्रदेश में पहली बार रात नौ बजे बैठी हाईकोर्ट, जानिए क्या है वजह

इंदौर. शहर के चर्चित संदीप अग्रवाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी रोहित सेठी के बीमा नगर स्थित मकान के अवैध हिस्से को तोडऩे के मामले में मंगलवार रात ९ बजे हाई कोर्ट में स्पेशल बेंच में सुनवाई हुई। जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की युगल पीठ ने तोडफ़ोड़ पर एक दिन की रोक लगाते हुए गुरुवार को फिर सुनवाई के आदेश दिए। कोर्ट ने सेठी के मकान के बाहर एमओएस नहीं छोडक़र किए गए निर्माण को तोडऩे की बात कही और उनसे पूछा कि वे अगली सुनवाई में बताएं कि कितने समय में वे अवैध अतिक्रमण हटा लेंगे।

रोहित की पत्नी प्रेरणा सेठी ने यह याचिका दायर की है। मकान तोडऩे के नगर निगम के नोटिस के खिलाफ लगाई गई याचिका जस्टिस विवेक रूसिया की एकल पीठ द्वारा खारिज करने के बाद मंगलवार को युगल पीठ में रिट अपील दायर की गई थी। प्रेरणा के वकील कौस्तुभ पाठक और विशाल बाहेती ने बताया, रिट अपील दायर करने के बाद मंगलवार शाम करीब ४.३० निगम टीम रोहित के घर पहुंच गई थी और बुधवार सुबह ८ बजे से तोडफ़ोड़ की कार्रवाई की बात कही। इसके बाद सेठी की ओर से हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के समक्ष स्पेशल बेंच के माध्यम से मंगलवार को ही सुनवाई की मांग की गई। यह आवेदन चीफ जस्टिस ऑफ मप्र के समक्ष भेजा गया और उनके आदेश पर रात ९ बजे स्पेशल बेंच में सुनवाई के आदेश दिए। अतिरिक्त महाधिवक्ता रवींद्र सिंह छाबड़ा ने बताया, एकल पीठ ने इस मामले में आदेश दिए थे कि मकान के फ्रंट में एमओएस पर जो निर्माण किया गया है वह अवैध है, इसलिए उसे या तो मकान मालिक खुद तोड़े या निगम कारवाई के लिए स्वतंत्र है। मकान के आसपास और पिछले हिस्से के अवैध निर्माण को लेकर कोर्ट ने कंपाउंडिंग के आदेश दिए थे। अगली सुनवाई से पहले सेठी की ओर से जानकारी देना होगी कि वे एमओएस में किए गए अवैध निर्माण को कितने दिन में तोड़ देंगे।