
meghraj jain
नितेश पाल@ इंदौर. 30 बरस से भी ज्यादा समय से अपने द्वारा शुरू की गई आदर्श श्रमिक गृह निर्माण सहकारी संस्था में सांसद मेघराज जैन को प्लॉट मिल पाएगा। 17 साल पहले संस्था संचालकों ने उनकी सदस्यता ये कहते हुए खत्म कर दी थी कि उन्होंने संस्था में आवश्यक अंशपूंजी राशि जमा नहीं की है। 37 अन्य लोगों को भी संस्था से बाहर कर दिया गया था। न्यायालय उपपंजीयक सहकारिता ने संस्था के फैसले को रद्द कर सभी की सदस्यता बहाल कर दी है। संस्था अध्यक्ष के रूप में लंबे समय दिनेश डागा काम करते रहे हैं।
राज्यसभा सदस्य जैन सहित ये सभी सदस्य संस्था के संस्थापक सदस्यों में से रहे हैं। इनकी सदस्यता 1985 से पहले की थी। इन सभी सदस्यों की सदस्यता वर्ष 2000 में समाप्त कर दी गई थी। इसकी उन्हें सूचना भी नहीं दी गई थी। दूसरी ओर इन सदस्यों के लिए जो प्लॉट रखे जाने थे वो भी दूसरों को अलॉट कर दिए थे। सदस्यों को जानकारी लगी तो उन्होंने सहकारिता विभाग और अन्य जगह शिकायत की थी। सदस्यता बहाल किए जाने को लेकर उपायुक्त सहकारिता के समक्ष केस भी दायर किया था। लंबे समय तक सुनवाई के बाद उपपंजीयक न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए संस्था के फैसले को पलटकर
सभी सदस्यों की सदस्यता बहाल कर दी है।
नहीं जमा कराया पैसा
फैसले में उपपंजीयक ने लिखा है, संस्था से बाहर किए गए सदस्यों ने पैसा जमा नहीं कराया। प्लॉट पेटे राशि जमा कराने में उदासीन रहे। सदस्यता से बाहर किए जाने का फैसला गैरकानूनी है।
नकार दिए आरोप
-संस्था ने ये कहते हुए इन सदस्यों को बाहर किया था कि इन्होंने आवश्यक 500 रुपए
की अंशपूंजी जमा नहीं की है, जबकि अपने फैसले में उपपंजीयक ने साफ कहा है, 500 रुपए अंशपूंजी की अनिवार्यता का नियम लागू होने के पहले उनके द्वारा आवश्यक रूप से जमा की जाने वाली राशि जमा थी। वहीं नियमों में बदलाव के नाम पर सदस्यों को बाहर नहीं किया जा सकता।
-संचालक मंडल के बाद संस्था की साधारण सभा में सदस्यता से निष्कासित किए जाने को ये कहते हुए खारिज किया गया कि नियमों में सदस्यता से बाहर किए जाने के लिए जो स्थितियां हैं, उनमें संचालक
मंडल ने अधिकार के खिलाफ जाकर फैसला दिया है।
Published on:
02 Nov 2017 12:19 pm
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