
कब होगा इलाज
इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े सात मंजिला महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल में चूहों का आतंक कम नहीं हो रहा है। अस्पताल प्रबंधन लाखों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन चूहों की संख्या कम नहीं हो रही है। चूहों के आतंक के बीच सांप ने भी दस्तक दे दी है। हाल ही में ऑब्जर्वेशन रूम में निकले सांप का वीडियो सामने आया है। अस्पताल में मरीज और परिजनों से लेकर जूनियर डॉक्टरों में घबराहट फैल गई है। हालांकि एमवायएच प्रबंधन इस वीडियो को फर्जी बता रहा है और किसी अन्य हॉस्पिटल का बता रहा है, लेकिन जूनियर डॉक्टर इसे एक दो सप्ताह पुराना बता कर पुष्टि कर रहे हैं।
दरअसल, इंदौर के सबसे बड़े हॉस्पिटल के नाम पर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो को तल मंजिल पर मौजूद तीन नंबर ऑब्जर्वेशन रूम का बताया जा रहा है। जूनियर डॉक्टर दावा कर रहे हैं कि एक- दो सप्ताह पुराना वीडियो है। अस्पताल में सांप निकलने के पीछे की वजह भी जूनियर डॉक्टर बताते हैं। वे कहते है कि अस्पताल में बड़ी संख्या में चूहे मौजूद हैं। इन चूहों के पीछे ही सांप निकलते रहते हैं। कई बार ये सांप नजर नहीं आते हैं, लेकिन इस बार जूनियर डॉक्टर साथी की नजर पड़ गई और उन्होंने वीडियो बना लिया। एक जूनियर डॉक्टर का कहना है कि यह वीडियो साथियों ने डर की वजह से सामने नहीं लाए, लेकिन अब उसे सामने लाया गया।
लाखों रुपए चूहों के नाम पर खर्च
सूत्रों का कहना है कि एमवायएच में चूहों का आतंक सालों से है। पिछले 29 साल से प्रबंधन चूहों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। करीब आठ साल पहले भी एक निजी कंपनी को चूहों को सफाया करने का ठेका दिया गया था, लेकिन फिर भी चूहों का आतंक जारी है।
हाल ही में जूनियर डॉक्टर की अंगुली काटी
वैसे तो मरीजों को चूहों के कुतरने के कई किस्से हॉस्पिटल में सामने आए हैं। मई 2021 में भी पहली मंजिल पर नवजात नर्सरी में भर्ती था। उस दौरान उसके अंगूठा और एड़ी को चूहों ने कुतर दिया था। अभी कुछ समय पहले एक जूनियर डॉक्टर के पैरों के अंगूठे को भी चूहे कुतर चुके हैं। आट दिन चला था अभियानबताया जा रहा है कि अस्पताल में 1994 में कायाकल्प अभियान चलाया गया था, तब बिङ्क्षल्डग के अंदर और बारह कंट्रोल पेस्ट कराया गया था। 2014 में भी कायाकल्प अभियान के तहत आठ दिन तक चूहों को मारने का अभियान चलाया गया था। बताया जाता है कि 56 लाख रुपए भी खर्च किए गए थे। वैसे हर साल लाखों रुपए चूहों के नाम पर अस्पताल में खर्च किए जाते हैं। साल 2016 में भी चूहों के खिलाफ अभियान चलाया गया था।
Published on:
12 Aug 2023 11:27 am
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