
इंदौर. कान्ह नदी में मिलने वाले सीवरेज के पानी को रोकने के लिए नगर निगम ने 2020 में लगातार चार महीने तक मुहिम चलाई थी। इस दौरान 200 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्चा करते हुए नगर निगम ने नदी में मिलने वाले गंदे पानी के सभी आउटफाल्स को बंद करने का दावा किया था। लेकिन अभी भी कई बड़े-बड़े आउटफाल्स नदी में लगातार मिल रहे हैं, उनके कारण नदी का पानी लगातार दूषित हो रहा है।
सरस्वती नदी में अमितेषनगर के हिस्से में नगर निगम ने सबसे ज्यादा काम किया था। अमितेषनगर पुलिया के पास में ही स्कीम-103 से निकलने वाला एक नाला सीधे नदी में आकर मिलता है। इसे बंद करने के लिए नगर निगम ने एक सीवरेज की बड़ी पाइप लाइन भी डाली थी। ये लाइन इस नाले में मिलने वाली सीवरेज के पानी को नदी के बजाए बहाकर केसरबाग चौकी के पास से गुजरने वाली सीवरेज की सेकेंडरी लाइन में जोड़ती थी। नगर निगम ने 2020 में तो इसे रोक दिया था। लेकिन अब ये नाला दोबारा शुरू हो गया है। यहां से गंदा पानी नदी के पानी में सीधे आकर मिल रहा है, उसके साथ ही इसमें बहकर आने वाली गंदगी भी सीधे नदी में मिल रही है।
बरसात के दौरान चौक हुई थी लाइन
बताया जा रहा है कि नगर निगम ने जो सीवरेज की लाइन डाली थी, उसमें स्कीम-103 और नालंदा परिसर के लगभग एक हजार घरों की गंदगी बहकर नहीं निकल पा रही थी। ये लाइन बार-बार चौक हो रही थी। यही नहीं बरसात के दौरान यहां पानी निकासी नहीं हो पाने के कारण यहां पानी जमा हो रहा था। ऐसे में इसे दोबारा खोल दिया था। जिसके बाद से ही गंदा पानी दोबारा नदी में मिल रहा है।
खराब हो जाता है साफ किया पानी
सरस्वती नदी के शुरूआती पाइंट बिजलपुर तालाब से नदी में साफ पानी ही बहे इसके लिए नगर निगम ने तालाब पर एक एसटीपी बनाया है। इस एसटीपी से रोजाना 7 एमएलडी साफ पानी निकलता है। जो नदी केरूप में आगे बहता है। लेकिन अमितेषनगर में ये पानी पूरी तरह से गंदा हो जाता है।
नदी केसभी आउट फाल्स को बंद करने के लिए हमने जोनल कार्यालयों को निर्देश दिए हैं, मैं इसे दिखवाऊंगा कि ये आउट फाल्स कैसे अभी भी चल रहा है।
- सुनील गुप्ता, कार्यपालन यंत्री
Published on:
20 Dec 2022 07:48 pm
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