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एमपी में बीआरटीएस को ग्रीन कॉरिडोर बनाने का नया प्रयोग, एक साथ ग्रीन और रेड होंगे सिग्नल

Indore BRTS Green Corridor Project New Experiment: स्कीम-78 से नौलखा तक कई सिग्नल कनेक्ट, एक स्पीड में गाड़ी दौड़ी तो नहीं रुकेगी

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Indore BRTS Will be a Green Corridor

Indore BRTS Will be a Green Corridor

Indore BRTS Green Corridor Project New Experiment: बीआरटीएस पर सिग्नल के कारण ट्रैफिक जाम न हो, यदि वाहन चालक को एक चौराहे पर ग्रीन सिग्नल मिलता है तो सभी चौराहों पर ग्रीन सिग्नल से ही गुजरे, इस उद्देश्य से बीआरटीएस को ग्रीन कॉरिडोर (BRTS Green Corridor Project) बनाने का नया प्रयोग (New Experiment) स्मार्ट सिटी ने शुरू किया है। इसके तहत इस रोड पर स्थित सभी चौराहों के आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम) को साथ एक साथ जोड़ा है। इससे एक साथ एक लेन के सारे सिग्नल सभी चौराहों पर एक समय पर ग्रीन होंगे और एक साथ रेड। इससे वाहन चालकों को फायदा होगा कि एक लेन का ट्रैफिक एक साथ में निकलता रहेगा।

स्मार्ट सिटी (Indore Smart City Project) अफसरों का दावा है कि यदि एक समान स्पीड से कॉरिडोर पर वाहन चलते हैं तो स्कीम नंबर 78 से नौलखा तक के बीच में ग्रीन सिग्नल में ही वाहन निकलेंगे।

चौराहों पर सिग्नल खुलने के लिए खड़े रहने वाला वक्त बचेगा

महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत स्कीम नंबर 78 चौराहे से नौलखा तक के प्रमुख चौराहों को योजना में शामिल किया है। इन चौराहों पर सिस्टम लगा था, लेकिन सभी चौराहे आपस में कनेक्ट नहीं थे। कई बार एक चौराहे पर रेड सिग्नल से गुजरने के बाद अगले चौराहे पर फिर रेड सिग्नल मिलता था। वाहन चालकों को ग्रीन सिग्नल होने का इंतजार करना पड़ता था। अब सभी चौराहों के सिग्नल की टाइङ्क्षमग अलग-अलग नहीं होगी।

25 से 30 की स्पीड में गाड़ी दौड़ाई तो बिना रुके चौराहों से गुजरेंगे

स्मार्ट सिटी इंदौर (Indore News) सीईओ दिव्यांक सिंह के मुताबिक इस रूट पर दोनों लेन के सभी सिग्नल का ऑनलाइन अध्ययन किया। आंकलन किया कि सड़क पर कितनी अधिकतम और न्यूनतम स्पीड से वाहन चलाए जा सकते हैं। निकलकर आया कि 25 से 30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार कॉरिडोर के लिए पर्याप्त है। इसी अनुसार सिग्नल का टाइम सेट किया है। अभी कई सिग्नल पर वाहन चालकों को कई मिनट खड़ा रहना पड़ता था, लेकिन अब एक साथ एक समय पर सभी सिग्नल ग्रीन होंगे। एक सिग्नल से दूसरे सिग्नल के बीच रफ्तार समान रही तो सिग्नल ग्रीन मिलेगा। स्पीड कम-ज्यादा हुई तो सिग्नल के टाइमिंग में अंतर आएगा।

इन चौराहों को आइटीएमएस तकनीक से जोड़ते हुए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का दावा

--स्कीम नंबर 78 चौराहा

--रसोमा चौराहा

--एमआर 9 चौराहा

--इंडस्ट्री हाउस चौराहा

--गिटार वाला चौराहा

--पलासिया चौराहा

--गीता भवन चौराहा

--शिवाजी वाटिका चौराहा

--जीपीओ चौराहा

--इंदिरा प्रतिमा चौराहा

--नौलखा चौराहा

ये भी होंगे फायदे

--वाहन चालक बिना बार-बार रुकावट के एक समान गति में यात्रा कर सकेंगे।

--ईंधन और समय की बचत होगी।

-- वायु प्रदूषण में कमी आएगी, जिससे शहर की हवा अधिक स्वच्छ होगी।

7 से 10 दिन परीक्षण

आइटीएमएस को एक साथ जोड़कर इस मार्ग पर शुरू किया गया है। यदि कोई स्कीम 78 से नौलखा तक निकलेगा तो उसके 5 से 7 मिनट का सिग्नल पर लगने वाला वक्त बचेगा। अभी यह सिस्टम ट्रायल पर चल रहा है। करीब 7 से 10 दिन बाद इसका विस्तृत परीक्षण किया जाएगा। आवश्यक हुआ तो और टाइमिंग बदला जाएगा।

- शिवम वर्मा, निगम आयुक्त

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