
NIMCET RESULTS 2019 : जिसे मैथ्स का एम भी नहीं आता था, उसने हासिल कर ली ऑल इंडिया रैंक-1
इंदौर. देश की टॉप -11 एनआईटी में प्रवेश के लिए होने वाली एग्जाम एनआइटी एमसीए कॉमन एंट्रेस टेस्ट (निमसेट) -2019 का परिणाम रविवार को जारी किया गया। इस एग्जाम एक बार फिर शहर के स्टूडेंट्स ने अपना परचम लहराया। इसमें शहर ऑल इंडिया रैंक फस्र्ट शहर के नितीश कुमार राठौड़, एआइआर सैंकड मयंक शर्मा को और एआइआर थर्ड नमृता बारगल ने हासिल कर शहर का गौरव बढ़ाया है। शहर से टॉप 10 में 7, टॉप -50 में 34, टॉप 100 में 64 स्टूडेंट्स ने जगह बनाई है। शहर से कुल 543 स्टूडेंट्स इस एग्जाम में सफल हुए। 827 सीटों के लिए देशभर में एग्जाम का आयोजन 26 मई को किया गया। इसमे 1000 अंक के 120 प्रश्र पुछ गए थे जिसमे मैथ्स से 50 मार्क्स , रीजनिंग से 40 , कम्प्यूटर 10 और इंग्लिश के 20 सवाल पूछे गए थे। सही आंसर के लिए 4 मार्क्स और गलत के लिए 1 अंक की नेगेटिव मार्किग थी।
पैरेंट्स को सलेक्ट होने की नहीं थी उम्मीद
नाम - नितीश कुमार राठौड़, एआइआर -1
पिता- ब्रजेंद्र कुमार राठौड़
माता-राजेश्वरी राठौड़
नितेश कुमार राठौड़ बताते है कि मैं हमेशा से बहुत ही पुअर परफॉर्मेंस वाला स्टूडेंट था और इसीलिए पैरेंट्स को मेरे सलेक्ट होने की भी उम्मीद नहीं था और न ही मैंने कभी सपने में सोचा था कि मुझे एआइआर फस्र्ट मिलेंगी लेकिन इस बात से पैरेंट्स की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरे पिता जस्टिस कोर्ट इटावा में फोर्थ ग्रेड एम्पलॉय है। मुझे मैथ्स का एम भी नहीं आता था और मैथ्स सबसे बड़ा फीयर फेक्टर था। टीचर के सपोर्ट से मैंने बैसिक कॉन्सेप्ट क्लीयर करने पर काम किया। हर दिन में 15 घंटे से ज्यादा पढ़ाई की और इसी वजह से सफलता हासिल हुई। मैं एनआईटी त्रिची में एडमिशन लेना चाहता हूं और एयरोनोटिक्स की फील्ड में काम करना चाहता हूं।
पहले अटेम्पट में नहीं हआ था सिलेक्शन
नाम - मयंक शर्मा
पिता- गोविंद शर्मा
माता- संपत शर्मा
एआइआर-2 हासिल करने वाले मयंक शर्मा बताते है कि मैं असम का रहने वाला हूं और वहां मेरे पापा डिपार्टमेंटल स्टोर है। इंदौर में पिछले एक साल से तैयारी कर रहा हूं। ये मेरा सेक ंड अटेम्पट है। पहले अटेम्पट में मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ तो खुद के वीक पॉइंट पता किए। एवरेज परफॉर्मेंस को इम्प्रुव करने को लेकर काम किया। एग्जाम के लिए खुद को काफी अनुशासित बनाएं रखा। डिफेंस टेक्रॉलॉजी के क्षेत्र में काम करने की इच्छा है। टाइम मैनेजमेंट के लिए टेस्ट सीरिज काफी मददगार रही और 14 से 15 घंटे की लाइब्रेरी सीटिंग का काफी फायदा हुआ।
850 से ज्यादा टेस्ट सीरिज किए सॉल्व
नाम-नम्रता बारगल (ऑल इंडिया रैंक-3)
माता- सुष्मा बारगल
पिता- सोमेश बारगल
ऑल इंडिया रैंक 3 हासिल करने वाली नम्रता बारगल बताती है कि मैंने 850 से ज्यादा टेस्ट सीरिज सॉल्व करने का फायदा मिला है। मैंने टॉप-10 की आशा बिल्कुल नहीं थी और इसी वजह से पुरी फैमिली बहुत खुश हो गई थी। साल भर किसी भी तरह का सोशल मीडिया का यूज नहीं किया जिसका बहुत फायदा मिला। मेैं एनआईटी त्रिची में एडमिशन लेकर डिफेंस की फील्ड में जाना चाहती हूं।
गुरुकुल शिक्षा पद्धति है सफलता का कारण
जितेंद्र मिश्रा अकेडमी के डायरेक्टर जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि बच्चों की सफलता का सबसे बड़ा कारण गुरुकुल शिक्षा पद्घति है। योग, ध्यान और प्रणायाम अकेडमी का मुख्य हिस्सा रहता है जो बच्चों मेंटली काफी स्ट्रॉंग करने के साथ ही फोकस होकर पढ़ाई करने में मदद करते है। बच्चों को सोशल मीडिया और मोबाइल का प्रयोग करने की इजाजत नहीं होती है ये भी सफलता का बड़ा कारण है।
टॉप-10 लिस्ट
क्रमांक-----नाम -----एआइआर
1 -----नितिश कुमार राठौर -----1
2 -----मयंक शर्मा -----2
3 -----नम्रता बरगाल----- 3
4 -----रवि जैन -----6
5 -----अक्षय जैन -----8
6 -----सक्षम जैन -----9
7 -----रोहित शर्मा -----10
8 -----कुलदीप पाटीदार -----11
9-----रंजीत कुमारी -----13
10-----आकांक्षा फलवादिया -----14
Updated on:
10 Jun 2019 02:29 pm
Published on:
10 Jun 2019 02:27 pm
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