
बस स्टैंड - अब गंगवाल की भी होगी जांच, सरवटे के बाद निगम ने की तैयारी
बस स्टैंड पैकेज - अब गंगवाल की भी होगी जांच
सरवटे की हालत देखने के बाद निगम ने की तैयारी
इंदौर.
जर्जर हालत में पहुंच चुके सरवटे बस स्टैंड की बिल्डिंग को ढ़हाने के बाद नगर निगम ने गंगवाल बस स्टैंड की बिल्डिंग की भी जांच कराने की तैयारी की है। निगम इस बिल्डिंग की मजबूती को देखने के बाद ही इसको लेकर कोई निर्णय करेगी।
सरवटे बस स्टैंड की ४५ साल पुरानी बिल्डिंग की छतों से प्लास्टर गिरने केस साथ ही इसकी उपरी मंजिल की खस्ताहालत को लेकर पत्रिका ने लगातार मुहिम चलाई थी। पत्रिका की खबर के बाद नगर निगम ने इसकी स्ट्रक्चरल इंजीनियर से पूरी जांच करवाई थी। इसकी रिपोर्ट में बिल्डिंग को बेहद कमजोर बताया गया था। जिसके बाद इसे तोड़ दिया गया। वैसे तो गंगवाल बस स्टैंड की बिल्डिंग ठीक है। लेकिन निगम इस बिल्डिंग को लेकर किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं लेना चाहती है। इसलिए निगम ने इसकी भी जांच कराने की तैयारी की है। बताया जा रहा है कि निगम सरवटे बस स्टैंड से बसों की आवाजाही को शुरू करने के बाद इसकी जांच का काम शुरू करेगा।
नए सीरे से बनेगा बस स्टैंड
नगर निगम ने सरवटे के साथ ही गंगवाल बस स्टैंड को भी नए सीरे से बनाने का निर्णय लिया है। नगर निगम शहर में एक साथ पांच बस स्टैंड बनाने जा रहा है। जिसमें गंगवाल भी शामिल रहेगा। निगम ने जो प्लानिंग की है, उसमें पांच बस स्टैड का टेंडर एक साथ निकाला जाएगा। और एक ही कंपनी को पांचो बस स्टैंड बनाने का काम दिया जाएगा।
0 जनता की जानमाल की सुरक्षा करना हमारा पहला काम है। इसके लिए हम सभी आवश्यक कदम समय-समय पर उठाते रहते हैं। सरवटे की जांच रिपोर्ट के आधार पर हमने कार्रवाई की है। गंगवाल बस स्टैंड की भी हम जांच करवाकर उसकी स्थिति की समीक्षा करेंगे।
- मालिनी गौड़, महापौर
नहीं कर पाए तय समय में काम पूरा
सोमवार शाम से सारे संसाधन लगा दिए सरवटे बस स्टैंड बिल्डिंग का मलबा हटाने में
इंदौर.
सरवटे बस स्टैंड की बिल्डिंग को तोडऩे के साथ ही नगर निगम ने 36 घंटे में यहां से दोबारा बसों का संचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन निगम तय समय में यहां से मलबा ही नहीं हटवा पाया। जिसके बाद सोमवार शाम को निगम ने अपने सभी संसाधनों को सरवटे बस स्टैंड पर लगाकर वहां से मलबा हटवाने का काम शुरू करवाया।
नगर निगम ने यहां से मलबा हटवाने के लिए पहले दिन से 25 डंपर लगाए थे। यहां रात दिन काम करते हुए पूरा मलबा रविवार रात तक हटवाने की बात कही गई थी। लेकिन मलबा नहीं हटा। पूरे समय में यहां से केवल 60 फिसदी मलबा ही नगर निगम के अधिकारी हटवा पाए। इसके बाद दोपहर में यहां चल रहे काम की समीक्षा की गई और उसमें धीमी गति से काम चलने की बात सामने आने के बाद अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह ने नाराजगी जाहिर की।जिसके बाद तय किया गया कि निगम के यहां लगे संसाधनों के साथ ही जोनल कार्यालयों पर मौजूद सभी जेसीबी और डंपरों को भी यहां पर लगा दिया जाए। इसके बाद निगम वर्कशॉप ने सभी जोनल कार्यालयों पर तैनात जेसीबी-डंपर्स को सरवटे बस स्टैंड पर बुलाकर वहां से मलबा हटाने के काम में लगा दिया। निगम के अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह के मुताबिक हमने तय किया है कि सोमवार को पूरे संसाधन लगाकर पूरी रात काम किया जाएगा और यहां से मलबा हटा दिया जाएगा। ताकि मंगलवार से बस स्टैंड को वापस से शुरू किया जा सके।
अस्थाई शेड बनाने का काम शुरू
मलबा हटाने के साथ ही नगर निगम ने यहां पर यात्रियों को रूकने के लिए एक अस्थाई शेड बनाने का काम भी देर शाम शुरू कर दिया। सरवटे बस स्टैंड स्थित सुलभ कॉम्प्लेक्स के पास के हिस्से में यहां पर टीन का एक बड़ा अस्थाई शेड बनाने का काम शुरू किया गया। इसमें जनता को धूप से बचाने के लिए पर्याप्त जगह नगर निगम द्वारा करने की बात कही जा रही है। निगम यातायात विभाग के सहायक यंत्री पीसी जैन के मुताबिक जब तक यहां पर नया बस स्टैंड नहीं बन जाता है, तब तक इसी शेड से बसों का संचालन किया जाएगा।
दोपहर में बंद किया बसों का आना तब कहीं मिली जनता को राहत
इंदौर.
सरवटे बस स्टैंड की बिल्डिंग तोडऩे के पहले नगर निगम ने यहां से आने जाने वाली 650 बसों के संचालन के लिए शहर में तीन जगह से व्यवस्था की थी। लेकिन उसके बाद भी बसें सरवटे के बाहर सडक़ पर ही खड़ी हो रही थी। जिसके कारण जहां बस स्टैंड के आसपास की सडक़ों पर जाम लग रहा था, वहीं सरवटे तक आने वाली सभी सडक़ों से भी वाहन निकालना मुश्किल हो रहा था। वहीं जब इसको लेकर परेशानी बढ़ी और नगर निगम के अफसरों ने पुलिस के आला अधिकारियों से चर्चा की जिसके बाद सरवटे क्षेत्र में बसों का आना प्रतिबंधित किया गया। बसों को बाहर ही रोके जाने के बाद ही आसपास के क्षेत्र का यातायात सुगम हो सका।
सोमवार से बस स्टैंड शुरू होने की उम्मीद में पुलिस ने कोई प्रबंध नहीं किए थे। वहीं रविवार के बाद सोमवार सुबह से बसों ने सरवटे बस स्टैंड को घेर लिया था। यही नहीं पटेलब्रिज के नीचे के हिस्से में, रेलवे स्टेशन के सामने नसिया रोड, कमला नेहरू स्कूल की गली, राम मंदिर की सडक़ सभी जगह पर बसें खड़ी थी, जिसके कारण यहां पर रास्ते ही बंद हो गए थे। हालत ये थी कि पटेल ब्रिज के नीचे और रेलवे स्टेशन के सामने के हिस्से में तो 80 फीट चौड़ी सडक़ का एक हिस्से पर बसें ही पार्किंग के रूप में खड़ी होने के कारण आने जाने का रास्ता नहीं बन पा रहा था। वहीं इसके कारण सरवटे बस स्टैंड से मलबा ले जा रहे डंपर्स का निकलना भी मुश्किल हो रहा था। जिसके कारण मलबा हटाने का काम भी धीमी गति से चल रहा था। इसको लेकर नगर निगम के अफसरों ने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से चर्चा की। इसके बाद पुलिस ने सरवटे की ओर आने वाली बसों को इस ओर आने से ही रोक दिया। भोपाल, देवास, सहित अन्य रूटों से आने वाली बसों को मधुमिलन चौराहे से ही आगे बढऩे से रोक दिया गया। यहां स्टॉपर लगाने के साथ ही जवान भी तैनात थे, जो कि बसों को अंदर नहीं आने दे रहे थे। सरवटे जाने वाले यात्रियों को भी यहीं पर उतरवाया जा रहा था। यात्री इसके बाद पैदल ही सरवटे की ओर जाते रहे। इसी तरह से राजकुमार ब्रिज के एसजीएसआईटीएस के हिस्से में भी पुलिस ने बसों को राजकुमार मिल की ओर मोडना शुरू कर दिया था। यहां से बसों को आगे ही नहीं बढऩे दिया जा रहा था। यहां सडक़ के दोनों और लंबी-लंबी कतारें लगवा दी गई थी। यहां भी यात्रियों को उतरवाया जा रहा था।
Published on:
29 May 2018 06:12 am
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