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पैरामेडिकल स्टाफ को मूल काम पर भेजने के आदेश

इलाज के बजाए बाबूगीरी कर रहा था स्टाफ

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पैरामेडिकल स्टाफ को मूल काम पर भेजने के आदेश

पैरामेडिकल स्टाफ को मूल काम पर भेजने के आदेश

इंदौर. सिविल सर्जन और सीएमएचओ कार्यालय में पैरामेडिकल स्टाफ से बाबूगीरी कराने और इस काम के लिए नियुक्त स्टाफ को अस्पतालों में भेजने का मु²ा ‘पत्रिका’ में गुरुवार और शुक्रवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद जिम्मेदार हरकत में आए। सीएमएचओ ने स्टाफ से मूल काम कराने के आदेश जारी किए हैं।

मालूम हो, एमटीएच कंपाउंड स्थित कार्यालय में एक दर्जन के करीब पैरामेडिकल स्टाफ दफ्तर का काम कर रहा थहै, जबकि उन्हें मरीजों के इलाज में मदद करने के लिए नियुक्त किया गया था। अधिकतर कर्मचारी सिविल सर्जन कार्यालय में अटैच हैं। यहां वे जिन कर्मचारियों का काम कर रहे हैं, वे मेडिकल बोर्ड व अन्य अस्पतालों में काम कर रहे हैं। इसके पीछे अधिकारियों ने अतिरिक्त कार्य लेने का तर्क दिया था। ‘पत्रिका’ ने इस मु²े को उठाते हुए बताया था कि पैरामेडिकल स्टाफ अस्पताल में रहकर अतिरिक्त कार्य करे तो मरीजों को लाभ मिलेगा।
सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने बताया, संविदा एनएम नर्स जया जोशी को नंदानगर अस्पताल स्थित जोनल कार्यालय से हटाकर मूल काम पर लौटने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा सिविल सर्जन को दफ्तर में अटैच किए गए स्टाफ को मूल पदस्थापना में भेजने के लिए पत्र लिखा है। डॉ. जडिय़ा ने कहा, कोशिश की जाएगी कि पैरामेडिकल स्टाफ अस्पताल में ही नियुक्त रहें। अस्पतालों में पदस्थ लेखा कर्मचारियों को सिविल सर्जन कार्यालय भेजा जाएगा।