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ओशो की मुख्य सहायक रही मां आनंद शीला आई MP बोलीं- ओशो को दुनिया ने अभी तक नहीं समझा

- उन पर बनी फिल्में दुनियाभर में हो रही है लोकप्रिय, वह हमेशा रहस्य रहेंगे: मां शीला

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इंदौर@अर्जुन रिछारिया

ओशो ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया और आज तक उनकी बातें लाखों लोगों का जीवन बदल रही हैं। उनका कहा हर शब्द अनंत काल तक जीवंत रहेगा और इसी तरह लोगों के जीवन को बदलता रहेगा। ओशो को लोग कभी भी ठीक से समझ नहीं पाए। वैसे सही बात भी है कि जो समझ से परे है वही तो भगवान है।

इसीलिए लोगों ने ओशो को भगवान माना और उन्हें हमेशा भगवान के नाम से संबोधित किया। यह बातें मां आनंद शीला ने कही। मां आनंद शीला ओशो की मुख्य सहायक रहीं और वे ऑरेगन यूएस में रजनीशपुरम आश्रम को मैनेज करती थीं।

साल 1984 में मां आनंद शीला पर बायो-टेरर अटैक का आरोप लगा और उन्हें 20 साल की सजा हुई। हालांकि उन्होंने केवल 39 महीने ही जेल की सलाखों के पीछे काटे। इसके बाद वे स्विट्जरलैंड शिफ्ट हो गईं जहां वे बुजुर्गों के लिए आश्रम चलाती हैं।

नेटफ्लिक्स ने उन पर दो फिल्में 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' और सर्चिंग फॉर शीला बनाई जो दुनियाभर में लोकप्रिय हुई। उनके और ओशो के संबंधों को जानने के लिए पूरी दुनिया हमेशा आतुर रही है। माना जाता रहा है कि शीला ही ओशो को अमेरिका ले गई। ओशो ने सार्वजनिक तौर पर शीला को अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया लेकिन शीला ने कभी उनकी बुराई नहीं की।

बताया 72 की उम्र में जवां रहने का राज

डॉ. भरत रावत ने बताया कि शीला के सौम्य स्वभाव और सरलता ने वहां पर सभी को प्रभावित किया। हम सब इस बात पर आश्चर्यचकित थे कि वे 72 साल की उम्र में भी इतनी यात्राएं कैसे कर लेती हैं और इतनी स्वस्थ कैसे हैं। इस पर उन्होंने बताया कि मैं बस वही करती हूं जो मुझे ठीक लगता है। यहीं मेरे हमेशा खुश रहने का कारण है। शीला ने इस दौरान खुद को जानने के तरीके बताए और मेडिटेशन के बारे भी कई जानकारियां दी।

ओशो ने हमेशा जीवन को स्वाभाविक तरीके से जीने पर जोर दिया
शीला सोमवार को फिक्की फ्लो के कार्यक्रम में शामिल होंगी। रविवार को उन्होंने डॉ. भरत रावत के घर पर चुनिंदा लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि लोगों ने ओशो को ठीक से नहीं समझा और कई बार उनकी बातों के गलत मतलब भी निकाले। ओशो ने हमेशा अपने जीवन को स्वाभाविक और निडर तरीके से जीने पर जोर दिया। उन्होंने हमेशा लोगों को इसके लिए प्रेरित भी किया।

कहा स्वच्छता जैसा दूसरा गुण नहीं, इंदौर को बधाई : शीला ने कहा कि इंदौर ने स्वच्छता के गुण को देशभर में लोकप्रिय किया है। इसके लिए सभी इंदौरवासी बधाई के पात्र हैं।