
दिवाली पर तोड़े हमारे आशियाने, आंखों के सामने घूम रहा है वो खौफनाक मंजर
लवीन ओव्हाल @ इंदौर. इंदौर-4 की तरह इंदौर-5 में भी पिछले 15 सालों से भाजपा का कमल खिल रहा है। यहां से वर्तमान में महेंद्र हार्डिया विधायक हैं। इस क्षेत्र में मुद्दे कई हैं। इनमें अवैध कॉलोनियों का मुद्दा प्रमुख है। खजराना, मुसाखेड़ी, वेलोसिटी टॉकिज के पीछे मौजूद कई छोटी बस्तियों में आज भी बिजली, पानी और अच्छी सडक़ का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। हालांकि, क्षेत्र की कुछ पॉश व पुरानी कॉलोनियों में विकास जरूर देखने को मिलता है। दो साल पहले दिवाली के एेन पहले सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर कनाडि़या रोड के कई मकानों को तोड़ दिया गया था, जिसका दर्द आज भी लोगों की आंखों में झलकता है।
स्वास्थ्य सुविधा नहीं
संविद नगर क्षेत्र में चुनावी चर्चा गरम थी। लोगों का कहना था, क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एकमात्र बड़ा अस्पताल ही है। हाल ही में अंबेडकर नगर अस्पताल के उन्नयन की स्वीकृति जरूर मिली है, लेकिन जटिल बीमारियों के लिए तो एमवाय अस्पताल ही एकमात्र सहारा है। लोगों ने कहा, सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर लोगों के मकान तो तोड़ दिए, फुटपाथों पर हुए कब्जे अफसरों व नेताओं को नहीं दिखते। क्षेत्र में अवैध वसूली, गुंडागर्दी बड़ी परेशानी है।
बस स्टैंड पर सुविधाएं नहीं
कनाडि़या रोड निवासी राजेश बराडि़या कहते हैं, क्षेत्र में एकमात्र बस स्टैंड सिंहस्थ के पहले तीन इमली में बना था, लेकिन वहां सुविधाएं नहीं मिल सकीं। लोगों को गर्मी-ठंड, बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीेचे बसों का इंतजार करना पड़ता है। बारिश में तो कीचड़ की वजह से बस स्टैंड पर पैर रखना मुश्किल होता है।
ये हैं क्षेत्र की निचली बस्तियां : क्षेत्र में कई निचली बस्तियां हैं, जहां सुविधा के नाम पर पिछले ५ साल में कुछ नहीं हुआ। विनोबा नगर, बड़ी ग्वालटोली, संविद नगर, देवनगर, लाल का बगीचा, पंचम की फेल, आईडीए बिल्डिंग, कृष्णबाग कॉलोनी, सूरज नगर, देवपुरी, मित्रबंधु नगर, डायमंड कॉलोनी, गणराज नगर, प्रीतिनगर, नंदबाग कॉलोनी, शांतिनगर, मूसाखेड़ी, मयूर नगर, आजाद नगर, 140 नंबर स्कीम जैसे क्षेत्रों में आज भी लोग अधूरे विकास के बीच जीवनयापन कर रहे हैं।
नहीं भूल पाए हैं अब तक वह मंजर
दो वर्ष पहले कनाडि़या रोड के चौड़ीकरण के लिए दोनों तरफ के सैकड़ों मकानों के हिस्से तोड़ दिए गए। जनता आज भी इस तोडफ़ोड़ को नहीं भूल पाई है। संविद नगर गड्ढा निवासी मीना पाटिल का कहना है कि जितनी जल्दबाजी इस सडक़ से बाधक निर्माण हटाने में दिखाई गई, काश उतनी ही जल्दबाजी सडक़ को बनाने और उसे हमेशा चौड़ा रखने में की जाती तो अच्छा रहता।
गर्मी में रहता है टैंकरों का इंतजार
क्षेत्र में हर बार गर्मी में जलसंकट झेलना पड़ता है। पर्याप्त पीने के पानी की समस्या को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका। खासकर निचली बस्तियों में तो वर्षभर ही पानी की दिक्कत रहती है। बड़ी ग्वालटोली निवासी शांति बौरासी का कहना ह्यहै, पानी को लेकर काफी मशक्कत करनी पडती है। गर्मियों में तो पूरा परिवार ही पानी के लिए इधर-उधर भटकता है।
कम मिले वोट तो नहीं हुआ विकास
वर्ष 2013 में महेंद्र हार्डिया को एक लाख 6 हजार 111 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 91 हजार 693 वोट मिले थे। कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट देने वाले वार्ड 39 के बूथ शासकीय उर्दू स्कूल में खजराना क्षेत्र की कई कॉलोनियां हैं। इस बूथ पर कांग्रेस को 880 तो भाजपा को महज 93 वोट ही मिले थे। इस बूथ के तहत हबीबनगर, गौहरनगर, लक्ष्मीनगर, सांवरिया नगर, जामियानगर सहित अन्य क्षेत्र आते हैं। इन इलाकों में विकास का कोई काम नहीं हुआ। न तो सफाई हुई, न ही सडक़ों का निर्माण ठीक से हो पाया।
स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की है दरकार
महावीर नगर निवासी छगनलाल राय का कहना है, मूसाखेड़ी क्षेत्र में लंबे समय से एक अस्पताल प्रस्तावित है। जब क्षेत्रीय विधायक स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने थे, तो उम्मीद थी कि अस्पताल अब तो बन ही जाएगा, लेकिन अब भी जनता को इस सौगात का इंतजार है। क्षेत्र में यही एक इलाका है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की दरकार है।
Published on:
21 Oct 2018 12:20 pm
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