
जिम्नास्टिक-डांस से बच्चों में बढ़ रही ओवरयूज इंजरी, ये अपनाएं टिप्स तो मिलेगी बढ़ी राहत
इंदौर. बच्चो में हो रही ऑर्थोपेडिक समस्याओं को लेकर ऑर्थक्योर वर्कशॉप निजी स्कूल में आयोजित की गई। इसमें ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अंकुश अरुण अग्रवाल ने कहा, दर्द के साथ दोस्ती न करें। वर्कआउट या फिजिकल फिटनेस का मतलब शरीर को मूव करना नहीं है, बल्कि मतलब तब है जब आपके जॉइंट्स मूव हो रहे हों। सबसे पहले अपना सिटींग पॉश्चर बदलिए। बहुत आराम और बहुत मुश्किल नहीं होना चाहिए। आजकल लैपटॉप और मोबाइल के ओवरयूज के कारण सिर हमेशा झुका रहता है, इसके कारण सर्वाइकल नेक पेन की समस्या हो रही है। मोबाइल और लैपटॉप को आई लेवल पर रखने से दर्द कंट्रोल किया जा सकता है। डॉ. अंकुश अरुण अग्रवाल ने कहा, कुछ चीजों को सही कर छोटी-छोटी बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉ. अंकुश अरुण अग्रवाल ने बच्चों को कई टिप्स भी बताए।
ज्यादा बैठने पर दर्द जैसी परेशानियां होने लगती हैं
आजकल बच्चों में ओवरयूज इंजरी काफी देखने को मिल रही है क्योंकि बच्चे रिपेटिटिव एक्टिविटीज का हिस्सा बन रहे है। यानी जरूरत से ज्यादा जिम्नास्टिक, डांस, स्पोर्ट्स के कारण स्ट्रेस, फ्रैक्चर, टेंडोनाइटिस या मांसपेशियों में खिंचाव जैसी समस्याएं हो रही हैं। 30 से 50 प्रतिशत तक बच्चों में स्पोर्ट्स इंजरी ओवरयूज के कारण होती है। शरीर के सही पॉश्चर में न रहने से साइटिका, सर्वाइकल, जोड़ों में दर्द, रिस्ट पेन, लो बैकपेन, ज्यादा बैठने पर दर्द जैसी परेशानियां होने लगती हैं।
ऊंची हील के जूते न पहनें
राइटर्स कैंप की यदि बात करें तो यह लिखने या टाइपिंग का ज्यादा उपयोग, खराब राइटिंग पॉश्चर या पेन-पेंसिल को अनुचित तरीके से पकड़ने से जुड़ी है। कुछ कॉमन दिनचर्या की गलतियां सुधरे जैसे कंधों को झुकाकर नहीं तनकर खड़े हो, पैर सीधे हों, घुटने मुड़े हुए न हों, सिर, गर्दन, कमर और पैर एक सीध में हों और वजन दोनों पैरों पर बराबर रहे। ऊंची हील के जूते न पहनें क्योंकि इससे शारीरिक संतुलन बिगड़ता है। कोई भी सामान उठाने के लिए घुटनों को मोड़कर झुकें।
Published on:
17 Sept 2023 08:02 pm
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