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MP News: उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए इस शैक्षणिक सत्र में बड़ा बदलाव लागू किया गया है। पोस्ट ग्रेजुएशन एमए, एमकॉम और एमएससी के विद्यार्थियों को अब पास होने के लिए पहले से ज्यादा तैयारी करनी होगी, क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग ने नई मार्किंग पॉलिसी लागू कर दी है। नई व्यवस्था के अनुसार, अब थ्योरी और इंटरनल में अलग अलग पास होना अनिवार्य होगा।
अब तक पीजी परीक्षाओं में थ्योरी 100 नंबर की होती थी, जिसमें 85 नंबर थ्योरी और 15 नंबर इंटरनल के जोड़े जाते थे। कुल अंकों के आधार पर ही विद्यार्थियों को पास-फेल माना जाता था। नए बदलाव में थ्योरी 60 और इंटरनल 40 नंबर के होंगे। इनमें पास होने के लिए थ्योरी में 24 और इंटरनल में 16 नंबर लाना जरूरी होंगे। यानी अब कुल अंकों के पासिंग अंक मान्य नहीं होंगे। विद्यार्थियों को दोनों परीक्षा में पासिंग नंबर लाना होंगा।
इस बदलाव का बड़ा असर एमए-एमकॉम विद्यार्थियों पर पड़ेगा। दोनों पाठ्यक्रमों में चार थ्योरी पेपर होते हैं। उन्हें हर विषय में थ्योरी और इंटरनल अलग-अलग पास करना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जो विद्यार्थी इंटरनल में अच्छे नंबर लाकर पास हो जाते थे, उन्हें अब ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। चार थ्योरी पेपर होने के कारण फेल होने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
नई पॉलिसी से सबसे ज्यादा फायदा एमएससी के विद्यार्थियों को होगा। अब एमएससी में दो थ्योरी पेपर और दो प्रैक्टिकल रखे गए हैं। संभावना है कि प्रैक्टिकल में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन होने से एमएससी का ओवरआल रिजल्ट बढ़ सकता है। अब तक एमएससी का रिजल्ट कई बार बेहद कम रहता था, लेकिन नए पैटर्न से प्रतिशत में सुधार की उम्मीद है।
एनईपी के अनुरूप मूल्यांकन प्रणाली को अपडेट किया है। थ्योरी-इंटरनल अलग होने से जहां पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं विद्यार्थियों का वास्तविक प्रदर्शन भी स्पष्ट हो सकेगा। अब विद्यार्थियों को थ्योरी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी। - डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक डीएवीवी
Published on:
09 Dec 2025 11:36 am
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