
शोर-शराबे से हैं परेशान तो कीजिए इस रिक्शा की सवारी, जेब पर भी नहीं पड़ेगी भारी
इंदौर. शहर में तेजी से ई-रिक्शा का चलन बढ़ रहा है। न तो ये शोर-शराबा करते हैं और न ही धुआं फैला रहे हैं। पर्यावरण हितैषी और इनका किराया कम होने के कारण लोक परिवहन के रूप में ई-रिक्शा यात्रियों की पहली पसंद बनते जा रहा है। यही बात वैन, मैजिक और ऑटो रिक्शा चालकों को रास नहीं आ रही है।
शहर की आबोहवा में जहर घोल रहे ये वैन-मैजिक और ऑटो चालक अपने स्टैंड पर ई-रिक्शा को जगह तक नहीं दे रहे। सवारी आने पर भी बैठने नहीं देते हैं। इसके बावजूद 5 से 10 रुपए में ये ई-रिक्शा चालक लोगों को यहां से वहां छोड़ रहे हैं। वर्तमान में शहर में 550 वैन और 450 से अधिक मैजिक वाहन चल रहे हैं। इसी तरह करीब 15 हजार से अधिक ऑटो रिक्शा संचालित हो रहे हैं। करीब तीन वर्ष पहले शहर की सडक़ों पर आई ई-रिक्शा की संख्या 300 से अधिक हो चुकी है। लोक परिवहन के रूप में ई-रिक्शा को पहचान बनाने में किसी का सहयोग नहीं मिल रहा, जबकि हर लिहाज से ई-रिक्शा शहर के लिए बेहतर व मुफीद लोक परिवहन है। अन्य ऑटो चालक अपने फायदे के लिए मीटर से नहीं चलते हैं। सवारी आने पर चंद दूरी के लिए 100 से 150 रुपए तक वसूल लेते हैं, जबकि ई-रिक्शा इतनी दूरी के लिए अधिकतम् 15 रुपए तक वसूल करते हैं।
फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे मिल रहे
शहर में चल रही अधिकतर मैजिक और वैन की हालत ऐसी है कि अगर नियमानुसार फिटनेस किया जाए तो एक भी वाहन को फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा। शहर में अधिकतर खटारा हो चुकी वैन और मैजिक वाहन लोक परिवहन के रूप में चल रहे हैं, जो जमकर धुआं छोड़ते जाते हैं।
मैजिक, सिटी वैन व रिक्शा चालक नहीं बैठाने देते सवारी
ई-रिक्शा चालक संतोष ने बताया कि शहरभर में मैजिक, वैन और ऑटो चालकों के स्टैंड बने हुए हैं। जब सवारी के लिए वहां खड़े हो तो अन्य चालक सवारी नहीं बैठाने देते हैं। हमें अपशब्द कहकर भगा देते हैं। मजबूरी में रास्ते की सवारी ही हमें मिल पाती है। हमें भी स्टैंड पर खड़े रहने देना चाहिए।
नगर निगम बधाई का पात्र
नगर निगम पर्यावरण हितैषी कदम उठाने जा रहा है, इसके लिए वो बधाई का पात्र है कि अब निगम अफसरों को इलेक्ट्रिक कार मिलने जा रही है। ये कारें पूरी तरह बिजली से चलेंगीं। इससे जहां नगर निगम को भारी बचत होगी, वहीं शहर की आबोहवा में भी सुधार होगा। कुछ ऐसा ही अन्य सरकारी विभागों में हो, आमजन भी ऐसे वाहनों का इस्तेमाल करने लगें तो पर्यावरण हित में ये बड़ा कदम होगा।
Published on:
05 Jun 2019 02:00 pm
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