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पीजीडीसीए और डीसीए करने वाले हो जाएं सावधान…नहीं तो…

किसी काम का नहीं पीजीडीसीए और डीसीए10 से 15 साल पुराना कोर्स, आज कोई उपयोगिता नहींसीपीसीटी के सामने बेकार साबित हो रहा पाठ्यक्रम

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PG Diploma Course

इंदौर।
पीईबी ने ढाई हजार से ज्यादा सरकारी नौकरियों की बंपर वेकेंसी निकाली है। इसके लिए शैक्षणिक योग्यता में कंप्यूटर दक्षता अनिवार्य रूप से मांगी जा रही है। वैसे तो इसमें कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट को मान्य किया गया है, लेकिन इसके साथ जो दूसरी शर्त है, उसके बाद पीजीडीसीए और डीसीए जैसे कोर्स किसी काम के नहीं रह जाते। केवल राज्य शासन का सीपीसीटी ही सारे मापदंडों को पूरा कर रहा है।
पीईबी की ग्रुप-चार, पटवारी और अन्य भर्ती परीक्षाओं के लिए कंप्यूटर एप्लीकेशन में दक्षता अनिवार्य है। आवेदन में केवल प्रमाण-पत्र लगाने के लिए उम्मीद्वार निजी संस्थानों से पीजीडीसीए और डीसीए कर रहे हैं। पर ये दोनों ही कोर्स एक तो आउट डेटेड हो चुके हैं और दूसरे इसमें जो पढ़ाया और सिखाया जा रहा है, वह सरकारी नौकरियों में मांगी जा रही जरूरतों को पूरा नहीं कर रहा। इसके चलते इन डिप्लोमा कोर्स को करने के बाद भी कई उम्मीद्वारों के आवेदन रिजेक्ट भी हो रहे हैं। दरअसल इन नौकरियों के लिए कंप्यूटर दक्षता के साथ हिंदी और अंग्रेजी का टाइपिंग ज्ञान भी जरूरी है। टाइपिंग संबंधी कोई इकाई इन डिप्लोमा कोर्स के सिलेबस में शामिल नहीं है। टाइपिंग दक्षता का प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए सीपीसीटी करना जरूरी है।
सीपीसीटी का कोई विकल्प नहीं
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले भी इस बात को स्वीकारते हैं कि इन डिप्लोमा कोर्स की आज के समय में कोई महत्ता नहीं रह गई है। इन नौकरियों के लिए राज्य शासन ने कंप्यूटर प्रोफिएंसी सर्टिफिकेट टेस्ट (सीपीसीटी) शुरू किया। इस कोर्स में उन सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है, जो इस तरह की नौकरियों के लिए जरूरी हैं। कोर्स भी एडवांस है और आधुनिक कंप्यूटर ज्ञान हासिल होने के साथ टाइपिंग भी सिखाई जाती है।
ऑफ कैंपस कोर्स को मान्यता नहीं
डिप्लोसा कोर्स को ऑफ कैंपस करने पर यूजीसी 2013 में ही रोक लगा चुका है। यानी पीजीडीसीए और डीसीए जैसे कोर्स यूनिवर्सिटी कैंपस में ही करवाए जा सकते हैं। युनिवर्सिटी से संबद्ध सेंटर में किए जाने वाले कोर्स को मान्यता नहीं है। इसके बाद ही डिस्टेंस एजुकेशन वाली सभी युनिवर्सिटी निजी स्टडी सेंटर को कोर्स को बांट रही है, बस डिप्लोमा पर संस्थान का नाम नहीं लिखा जाता, ताकि लगे कि कोर्स युनिवर्सिटी कैंपस में ही किए गए हैं।
मात्र साढ़े छह सौ में
सीपीसीटी सेंटर की हेल्पलाइन से जानकारी दी गई कि कंप्यूटर डिप्लोमा हासिल करने के बाद भी टाइपिंग सीखने के लिए किसी मान्यता प्राप्त सेंटर या सीपीसीटी की ही परीक्षा देना होती है। क्योंकि हर सरकारी नौकरी में अंग्रेजी टाइपिंग में 30 शब्द और हिंदी टाइपिंग में 20 शब्द प्रति मिनिट की गति चाहिए। डिप्लोमा कोर्स में दस से बारह हजार खर्च करने के बाद भी जरूरत पूरी नहीं होती। जबकि सीपीसीटी मात्र साढ़े छह सौ रुपए में एक परीक्षा लेता है। इसके बाद प्रमाण-पत्र मिलता है, जो राज्य शासन की हर भर्ती में मान्य है।