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ज्योतिषी की भविष्यवाणी और मानवीय रिश्तों की दास्तां

आनंद मोहन माथुर सभागृह में नाटक 'कालाय तस्मै नम: का मंचन

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Veejay Chaudhary

Apr 17, 2016

natak

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इंदौर. आनंदमोहन माथुर सभागार में शनिवार की शाम रंगमठ थिएटर संस्था ने नाटक 'कालाय तस्मै नम: का मंचन किया। नाटक में शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी सुशील जौहरी और तपन मुखर्जी मुख्य भूमिका में थे। मराठी लेखक सीटी खानोलकर के लिखे नाटक का हिन्दी रूपांतरण किया है आरएस केलकर ने। नाटक का निर्देशन सुनील गायकवाड़ ने किया है।

नाटक की कहानी मशहूर ज्योतिषी विनायक राव की भविष्यवाणी पर है। विनायक राव का बेटा मधु एक लड़की से प्रेम करता है और उससे शादी करना चाहता है। विनायक राव का ज्योतिष ज्ञान कहता है कि मधु जिस लड़की से शादी करेगा उसकी मौत शादी के पहले साल में ही हो जाएगी। इस कारण वह मधु को उसकी प्रेमिका से शादी नहीं करने देते। इधर, उनके घर में गांव से उनके पुराने मित्र अपनी मंदबुद्धि युवा बेटी शकू को लेकर आते हैं। मधु षड़यंत्र रचता है कि वो शकू से शादी करेगा और उसकी मौत के बाद अपनी प्रेमिका के साथ शादी कर लेगा, लेकिन उसकी प्रेमिका ये योजना नामंजूर कर देती है। मधु शकू से शादी कर लेता है, लेकिन शकू की मौत नहीं होती। यानी विनायक राव की भविष्यवाणी गलत साबित होती है।

नाटक मानवीय रिश्तों से गूंथा हुआ है। इसमें प्रेम, स्नेह, शंका, षड़यंत्र, सबकुछ है। अभिनय का जहां तक सवाल है तो विनायक राव के रूप में सुशील जौहरी जमे हैं। शकू के पिता के रूप में तपन मुखर्जी भी सहज रहे। मंदबुद्धि युवती की भूमिका शेफाली सिंह ने अच्छी तरह निभाई, लेकिन निर्देशक के रूप में सुनील गायकवाड़ नाटक में कसावट नहीं ला पाए। नाटक में अनावश्यक रूप से गीत रखे गए, जिससे लंबाई बढ़ गई।

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