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पीएम मोदी ने गरीबों को करा दिया गृह प्रवेश, अब घर बनाने के लिए नहीं मिल रही जमीन

जहां गृह प्रवेश करा प्रधानमंत्री मोदी के छलके आंसू, इंदौर में जमीन नहीं मिली

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narendra modi

जहां गृह प्रवेश करा प्रधानमंत्री मोदी के छलके आंसू, इंदौर में जमीन नहीं मिली

स्वच्छता में नंबर वन शहर, सबके लिए आवास बनाने में फिसड्डी
2022 तक शहर में बनना हैं 53 हजार से अधिक आवास

अनिल धारवा. इंदौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आवास योजना इंदौर में जमीन के अभाव में हवाई महल बनकर रह गए हैं। जिन घरों में गरीबों का गृह प्रवेश करा कर शनिवार को इंदौर में मोदी के खुशी से आंसु छलक पड़े, उनके लिए इंदौर में जमीन तक नहीं जुटाई जा सकी है।

प्रधानमंत्री 2022 तक देश में सबके लिए आवास का सपना संजोये हुए हैं, लेकिन इंदौर में तो पहले चरण के 7992 में से 1280 आवासों का काम शुरू हो सका है। इंदौर में तीन चरणों में 53 हजार से ज्यादा गरीबों के आवास बनना है। 680 करोड़ की लागत से बनने वालों घरों के लिए राशि भी मिल चुकी है फिर भी एक यूनिट तक तैयार नहीं हो सकी है।

स्वच्छता में लगातार दूसरे साल सिरमौर रहना निश्चित तौर पर गौरव की बात है, लेकिन प्रधानमंत्री की अन्य योजनाओं की स्थिति ठीक नहीं कही जा सकती। जहां स्मार्ट सिटी में 31वें पायदान पर हैं, वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर आवास नहीं बना पाए हैं। जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि जमीन आवंटन तो हो गया, लेकिन सीमांकन नहीं हो पाया है। अभी पहला चरण पूरा होने में एक साल और लगेगा, जबकि वर्क ऑर्डर के बाद 24 माह में ठेकेदार मकान बनाकर देना है।

विरोध के दलदल में फंसी जमीन
प्रधानमंत्री आवास योजना में बन रहे घरों के निर्माण में देरी के पीछे सबसे बड़ा कारण नगर निगम को जमीन का आवंटन नहीं हो पाई है। साथ ही जहां जमीन की जंग निगम ने जीत ली, वहां स्थानीय नेताओं और झुग्गीवासियों का विरोध राह रोक रहा है। निगम और प्रशासन का संयुक्त प्रयास भी कई जमीनों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पा रहा है।

तीन चरण में तैयार होंगे 53 हजार आवास : नगर निगम ने शहर को झुग्गीमुक्त करने के लिए विभिन्न योजनाओं में मकान और फ्लैट बनाए जाना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर में तीन चरणों में 53,724 घर बनाए जाएंगे। डीपीआर स्वीकृत हो चुकी है। पहले चरण में 682 करोड़ की लागत से 7992 आवास बनना है। दूसरे चरण में 1372.91 करोड़ की लागत 14952 मकान आकार लेंगे और तीसरे चरण में 2697.64 करोड़ की लागत से 37080 घर बनाए जाएंगे।

एक साल और लगेगा
पांच स्थानों पर काम शुरू हो चुका है। यूनिट तैयार होने में एक साल लगेगा। जमीन आवंटन से लेकर सीमांकन तक के इश्यू है, जिन्हें जल्द दूर कर लेंगे। बड़ा प्रोजेक्ट है, इसलिए समय लग रहा है।
- डीआर लोदी, नोडल अधिकारी, प्रधानमंत्री अवास योजना, नगर निगम

सीमांकन के इश्यू हैं, जल्द हल कर लेंगे
जमीन आंवटन महज सनावदिया में रह गया है। सभी जगह जमीन आवंटन कर दी गई है। सीमांकन जैसे इश्यू जरूर है। जिन्हे जल्द ही दूर कर दिया जाएगा।
- निधि निवेदिता, अपर कलेक्टर