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pm : मोदी की योजना ही इंदौर में नहीं हो रही लागू

pm: प्रदेश में सिर्फ 7 और इंदौर एक भी पीएम जन औषधि केंद्र नहीं

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pm : मोदी की योजना ही इंदौर में नहीं हो रही लागू

pm : मोदी की योजना ही इंदौर में नहीं हो रही लागू

pm: - प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से जुड़ी याचिका पर 21 को होगी सुनवाई

pm: प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना 2015 से शुरू की गई थी, लेकिन उसे प्रभावी तरीके से अब तक लागू नहीं किया गया है। जनता को सस्ती जैनरिक दवाइयां मिल सकें इसके लिए यह योजना लागू की गई थी। अधिक से अधिक सरकारी अस्पतालों में यह औषधि केंद्र खोले जाने थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई थी, लेकिन याचिकाकर्ता को सूचना नहीं मिलने से उनके वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। कोर्ट ने 21 फरवरी को अगली सुनवाई के आदेश दिए हैं। एडवोकेट विनोद द्विवेदी ने बताया हमने कोर्ट में जानकारी दी है कि करीब 7 साल पुरानी योजना के बाद बावजूद पूरे देश में अब तक सिर्फ 1027 पीएम जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। कोर्ट में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक मप्र में सिर्फ सात केंद्र हैं। प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में एक भी पीएम जन औषधि केंद्र नहीं खोला गया है। उन्होंने बताया, सरकार की इस योजना से आम लोगों को काफी फायदा मिल सकता है। कई परिवारों में शुगर-बीपी के मरीज होते हैं जिन्हें नियमित रूप से दवाइयों की जरूरत होती है। उन्हें इन केंद्रों से काफी सस्ते दामों में दवाइयां मिल सकती हैं।


हाई कोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू, 65 से अधिक उम्र वाले वकील कर सकेंगे वीसी से बहस

इंदौर. शहर सहित पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कम होने के चलते हाई कोर्ट में केसों की प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू हो गई है। जिला कोर्ट में अब सभी केसों की नियमित रूप से प्रत्यक्ष सुनवाई होगी। सोमवार को वकील कोर्ट मे पक्षकार के लिए प्रत्यक्ष रूप से बहस करने के लिए उपस्थित हुए। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से 65 वर्ष से अधिक आयु वाले वकीलों के लिए हाई कोर्ट में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। वे चाहें तो अनुमति लेकर अपने केसों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पैरवी कर सकते हैं। चीफ जस्टिस ऑफ मप्र की अध्यक्षता में जजों सहित इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ पिछले सप्ताह हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था। इंदौर बार के अध्यक्ष सूरज शर्मा ने बताया, लंबे समय बाद बड़ी संख्या में वकील सदस्य हाई कोर्ट पहुंचे और केसों में पैरवी की। कोर्ट की रौनक फिर लौटी है। 65 वर्ष की उम्र से अधिक के भी कई वकील कोर्ट पहुंचे थे और उन्होंने भी विकल्प के बावजूद कोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई में हिस्सा लिया।