
पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ी मुश्किलें (Photo Source- Patrika)
Higher Education Department Order : मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग की बार-बार बदलती और जटिल होती प्रवेश प्रक्रिया विद्यार्थियों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। पहले ही ऑनलाइन काउंसलिंग, मेजर-माइनर की शर्तें और बार-बार बदलते नियमों से परेशान विद्यार्थियों के सामने एक और नई बाधा खड़ी कर दी गई है।
शनिवार शाम विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि अगर कोई विद्यार्थी पोस्ट ग्रेजुएशन में लिए गए मेजर-माइनर विषय के अलावा किसी अन्य विषय में पीजी करना चाहता है तो उसे इंटरव्यू देना होगा। ये इंटरव्यू संबंधित विश्वविद्यालय स्तर पर लिया जाएगा।
ये नियम उस समय लागू हुआ है, जब सीएलसी राउंड की आवेदन प्रक्रिया में सिर्फ दो दिन बचे हैं और रविवार की छुट्टी के कारण कॉलेजों में संपर्क भी मुश्किल है। विद्यार्थियों को न तो पूरी जानकारी मिल पा रही और न ही तैयारी का समय। बात यहीं खत्म नहीं होती…15 मार्च को जब प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई थी, तब ये स्पष्ट किया गया था कि, विद्यार्थी सिर्फ उन्हीं विषयों में पीजी कर सकते हैं जो उन्होंने यूजी में मेजर या माइनर के रूप में पढ़े हों। इस पर शिक्षाविदों और विद्यार्थियों ने विरोध जताया, जिसके बाद विभाग ने यह बाध्यता हटा ली थी। अब उसी निर्णय को घुमा-फिराकर एक और जटिल प्रक्रिया इंटरव्यू की शर्त के साथ लागू कर दिया गया है। अब सवाल ये उठता है कि, विद्यार्थी इतने कम समय में इंटरव्यू की तैयारी कैसे करेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि, शासन ने प्रवेश प्रक्रिया का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है, जिससे स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों की समस्याओं को समझने और सुलझाने का कोई तरीका नहीं बचा है। हर दो-चार दिन में नए आदेश आ रहे हैं।
-30 जून तक विद्यार्थियों को पीजी में विषय बदलने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
-1 जुलाई को विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को विद्यार्थियों की सूची भेजी जाएगी।
-2 और 3 जुलाई को विश्वविद्यालयों को विषयवार इंटरव्यू की तारीख तय करनी होगी।
-4 जुलाई को इंटरव्यू शेड्यूल की घोषणा की जाएगी।
-10 और 11 जुलाई को विवि स्तर पर इंटरव्यू लिए जाएंगे और पात्रता प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
-11 जुलाई को साक्षात्कारों के परिणाम विभाग के पोर्टल पर अपलोड होंगे।
-12 जुलाई को ई-प्रवेश पोर्टल से सीट अलॉटमेंट किया जाएगा।
-हजारों विद्यार्थी विषय बदलकर पीजी करना चाहते हैं, अब असमंजस में हैं कि इंटरव्यू कैसे, कब और कहां देना होगा।
-कॉलेजों और विभागों को भी तैयारियों का समय नहीं मिल रहा, जिससे शेड्यूल में देरी और अव्यवस्था की आशंका है।
-जिन विद्यार्थियों को पहले राउंड में मनपसंद विषय नहीं मिला था, अब वे दूसरे विकल्प चुनने में भी हिचकिचा रहे हैं।
Published on:
29 Jun 2025 10:42 am
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